21वीं सदी की दुनिया ने चाहे जितनी तरक्की कर ली हो लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के अलावा कई ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनका ईलाज आज तक नहीं खोजा जा सका है। ऐसी ही एक गंभीर समस्या से इन दिनों चीन जूझ रहा है। दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन बनाने वाला चीन इन दिनों कोरोना वायरस के भय से थम सा गया है। समुंदर पर लंबे-लंबे पुल खड़े कर देने वाले चीन को इस समस्या से निपटने की तरकीब समझ नहीं आ रही है। हालत यह हो गयी है कि लोगों मुंह ढकने के लिए मास्क कम पड़ गए हैं। मेडिकल स्टोरों पर लंबी-लंबी कतारों में लगकर लोग महंगे दामों में मास्क खरीद रहे हैं।
कोरोना वायरस का भय इस कदर है कि लोग जीवन बचाने के लिए अपने हिसाब से सुरक्षा उपाय अपनाने में जुट गए हैं। वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूरी है, लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या को मास्क उपलब्ध कराना भी आसान नहीं हैं। मास्क की इस समस्या से निपटने के लिए चीनी लोगों तरकीब भी निकाल ली है।
जान बचाने के लिए लोग यहां फलों के छिलकों और प्लास्टिक की बोतलों के मास्क बनाकर पहन रहे हैं। लेकिन सबसे हैरानी वाली बात यह है कि कुछ लोग यहां ब्रा और सेनिटरी नैपकीन को भी मास्क की तरह यूज कर रहे हैं। ब्रा और सेनिटरी पैड वाले मास्क लगाए चीनी लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं। फलों में लोग खरबूजे और संतरे के छिलकों का मास्क बनाकर यूज कर रहे हैं। कुल मिलाकर जिसको जो उचित लग रहा है वह उस तरह से मास्क तैयार कर पहन रहा है।
एक सप्ताह के अंदर चीन में कोरोना वायरस 213 लोगों को मौत दे चुका है। जबकि करीब 10 हजार लोग संक्रमित हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन ने वुहान सहित करीब एक दर्जन शहरों में सभी सेवाएं ठप कर दी हैं। लोगों के कहीं भी आने-जाने पर सख्त पाबंदी है। संक्रमित लोगों के इलाज के लिए चीन ने रिकार्ड समय में एक अलग से अस्पताल भी खड़ा कर दिया है। कोरोना वायरस ने चीन के अलावां अन्य कई देशों में दस्तक दे दी है। भारत में भी कोरोना पहुंच चुका है। केरल में चीन से लौटी एक महिला कोरोना से संक्रमित पाई गयी है। डब्ल्यूएचओ ने इसे इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।