JAPAN THREATENED

मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका ने चीन को दी खुलेआम चेतावनी

चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी अभ्यास गतिविधियों को 4 मध्यम दूरी की मिसाइलें दागकर बढ़ा दिया है। चीन की ओर से ये मिसाइलें हैनान द्वीपसमूह और पारासेल द्वीपसमूह के बीच वाले इलाकों में दागी गईं। पेंटागन ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्रालय दक्षिण चीन सागर में पारासेल द्वीपसमूह के आस-पास 23 से 29 अगस्त के बीच बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण समेत अन्य सैन्य अभ्यास करने के चीन के हालिया फैसले को लेकर चिंतित है।

पेंटागन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्र में सैन्य अभ्यास करना तनाव कम करने और स्थिरता को बरकरार रखने के उलट है। और ये कार्रवाई दक्षिण चीन सागर में स्थिति को और अस्थिर करती ह। इसने कहा कि ऐसे अभ्यास दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचरण पर 2002 की घोषणा के तहत चीन की प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन करते हैं। यह घोषणा उन गतिविधियों से बचने के लिए की गई थी जो विवादों को और जटिल बना सकती हैं या बढ़ा सकती हैं तथा शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।

पेंटागन ने कहा कि चीनी गतिविधियां दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण न करने की उसी प्रतिज्ञा के उलट हैं और मुक्त एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अमेरिकी दृष्टिकोण के भी विपरित है जिसमें सभी राष्ट्र, छोटे एवं बड़े, संप्रभुता के लिहाज से सुरक्षित हैं, दबाव से मुक्त हैं और स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप आर्थिक विकास आगे बढ़ाने में सक्षम हैं।

पेंटागन ने कहा कि यह सैन्य अभ्यास दक्षिण चीन सागर में गैरकानूनी समुद्री दावों पर जोर देने और अपने दक्षिणपूर्वी एशियाई पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाने के लिए चीन की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाइयों में से हुई हालिया कार्रवाई है।

पेंटागन ने कहा कि उसने जुलाई में चीन को चेतावनी दी थी कि वह स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा। वहीं पेंटागन ने ये भी उम्मीद जताई थी कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्यीकरण की कार्रवाई और पड़ोसियों पर दबाव दोनो को कम करेगा। पेंटागन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कार्यबल एलिस की तैनाती करने की भी घोषणा की जो नवंबर 2020 तक वहां सुरक्षा सहयोग गतिविधियों का संचालन करेगा।

अमेरिका ने इससे पहले दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण एवं उपयोग को लेकर 24 चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित (Blacklisted) किया था, जिसकी चीन ने कड़ी आलोचना की थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ऐसा कर के चीन के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।

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