स्वच्छ भारत मिशन के तहत होने कार्यों का केन्द्र सरकार स्वतंत्र सर्वे कराएगी। इसके लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व जल शक्ति मंत्रालय ने एक एक स्वतंत्र एजेंसी इपसोस को जिम्मेदारी दी है। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण का कार्य 14 अगस्त से शुरू होगा। पंचायतीराज निदेशक डा ब्रहमदेव राम तिवारी ने यह जानकारी अलीगंज स्थित पंचायतीराज निदेशालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के माध्यम से एक राष्ट्र व्यापी प्रतियोगिता का आयोजन करते हुए ग्रामों एवं जनपदों की रैंकिंग निर्धारित मापदंडों पर की जाती है। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण का कार्य 30 सितम्बर 2019 तक किया जायेगा। सर्वेक्षण के पश्चात जनपदों की रैंकिंग निर्धारित की जायेगी तथा श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ग्रामों जनपदों एवं राज्यों को विभिन्न कटेगरी में सम्मानित भी किया जायेगा। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
डा तिवारी ने बताया कि गांव के सार्वजनिक स्थनों पर प्लास्टिक कूड़ा आदि की स्थिति पर 10 अंक दिये जाने हैं। टीम द्वारा उस स्थान पर डस्टबीन देखते ही पूरे 10 ग्राम को मिल जाएंगे। जो जनपद सबसे अधिक एसएसजी2019ऐप डाउनलोड करवाकर फीडबैंक दिलवा सकेगा उसे उतने ही अधिक अंक प्राप्त होगें। उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बडा राज्य होने के कारण इसका फायदा तो हमारे प्रदेश को मिलना ही चाहिए। डा तिवारी ने बताया कि विभिन्न राजनैतिक संगठनों की बैठक में यह सन्देश जरूर दिलवा दिया जाये कि स्वच्छ सर्वेक्षण में सहयोग करने से उनका मान बढेगा। गांव के सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता का विशेष महत्व है। विकास खण्ड वार एवं ग्राम वार प्रतियोगिता बढाने हेतु आईईसी मद से सर्वाधिक सहयोग करने वाले को पुरूष्कार की घोषणा का एलान कर सकते है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस सम्बन्ध में वाल पेंटिंग करवा सकते है।