केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऋण अधिस्थगन (Loan Moratorium) का समय आगामी 2 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन रीपेमेंट का मोराटोरियम पीरियड को 2 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। RBI सर्कुलर के मुताबिक, इसे 2 साल तक बढ़ाने का विकल्प है। मेहता केंद्र सरकार और RBI की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि हम उन सेक्टर की पहचान कर रहे हैं, जो मुश्किल में हैं। अलग-अलग सेक्टर के लिए बेनेफिट अलग होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सरकार यह क्यों नहीं बता रही है कि इंटरेस्ट पर छूट मिल सकती है या नहीं। केंद्र सरकार को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (DMA) के तहत अपनी पोजीशन क्लीयर करें और हलफनामा जमा करे।
मेहता ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार और RBI के प्रतिनिधि दूसरे बैंकों से बात करें और सही हल पर पहुंचे। मेहता ने कहा कि सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने बैंकर एसोसिएशन से बात की है और कई मुद्दे सुलझा लिए गए हैं।
जस्टिस अशोक भूषण की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि हम पिछली 3 बार से इस पर सुनवाई कर रहे हैं। पूरा देश मुश्किल से जूझ रहा है अब इस पर बुधवार को सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी।
देश भर में लॉकडाउन की वजह से RBI ने 22 मई को लोन मोराटोरियम को 31 अगस्त के लिए बढ़ा दिया था। मार्च में सेंट्रल बैंक ने 3 महीने के मोराटोरियम का ऐलान किया था, जिसे बाद में 3 महीने के लिए और बढ़ाया गया। यानी 1 मार्च से 31 मई के बीच तक मोराटोरियम आगे भी जारी रहा।