केंद्र सरकार (Modi Government) ने आयकर विभाग (Income Tax Department) के 15 इनकम टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेज (CBDT) ने अपने 15 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है…
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने बड़ा कदम उठाते हुए 15 इनकम टैक्स अधिकारियों को रिटायर कर दिया है. CBDT ने 15 सीनियर अफसरों को जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) करने का फैसला लिया है. इस साल जून महीने में भी ऐसा एक फैसला लिया गया था. उसमें हाई रैंक वाले भारतीय राजस्व सेवा के 27 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था. इनमें केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के 12 अधिकारी शामिल थे. इनका भ्रष्टाचार मामले में नाम आने के बाद यह फैसला लिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन टैक्स अधिकारियों के खिलाफ अनियमितता के आरोप हैं, उनके खिलाफ हमने कड़ी कार्रवाई की है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए भाषण में भी टैक्स अधिकारियों की ओर से उत्पीड़न करने पर चिंता जताई थी.
इस नियम के तहत हुई कार्रवाई- सेंट्रल सिविल सर्विसेज 1972 के नियम 56(J) के तहत 30 साल तक सेवा पूरी कर चुके या 50 साल की उम्र पर पहुंच चुके अधिकारियों की सर्विस सरकार समाप्त कर सकती है… केंद्र सरकार उन अधिकारियों को नोटिस और तीन महीने के वेतन-भत्ते देकर घर भेज सकती है. ऐसे अधिकारियों के काम की हर तीसरे महीने समीक्षा की जाती है और अगर उन पर भ्रष्टाचार या अक्षमता/अनियमितता के आरोप पाए जाते हैं तो जबरन रिटायरमेंट दिया जा सकता है.
केंद्र सरकार के पास यह ऑप्शन कई सालों से मौजूद है, लेकिन ज्यादातर समय इस पर गंभीरता से कारवाई नहीं की जाती थी. इस नियम में अब तक ग्रुप ए और बी के अधिकारी ही शामिल थे, अब ग्रुप सी के अधिकारी भी इसमें आ गए हैं.
केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय संस्थानों से इस बारे में मासिक रिपोर्ट मंगाना शुरू कर दिया है. सरकार के जरिए ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दिया जा सकता है. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है.