Bihar News: बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ एक बार फिर अभ्यर्थी सोमवार को पटना की सड़क पर उतर गए हैं. यह अभ्यर्थी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन को बिहार पब्लिक संविदा कमीशन बता रहे हैं. BPSC के माध्यम से असिस्टेंट इंजीनियर की भर्ती में धांधली की बात कही जा रही है. अभ्यर्थियों का कहना है कि फ्रेशर्स की मेहनत पर आयोग और आरसीडी पानी फेर रहा है.
अभ्यर्थियों का क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?
अभ्यर्थियों का कहना है कि हर वैकेंसी पर संविदा कर्मी को प्राथमिकता दी जा रही है. एक-एक संविदा कर्मी का रिजल्ट चार-चार विभागों में हो रहा है और हम फ्रेशर्स रोजगार के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. सोमवार को पटना में विश्वेश्वरैया भवन के बाहर सैकड़ो की संख्या में असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी एकत्रित हुए, जहां सरकार और आयोग के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की.
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अस्सिटेंट इंजीनियर की बहाली में संविदा कर्मियों को प्राथमिकता दी जा रही है. हम फ्रेशर्स की मेहनत और रिजल्ट को नजर अंदाज किया जा रहा है. इन अभ्यर्थियों ने कहा कि एक संविदा कर्मी को 1 साल के अनुभव के तहत 5 नंबर दिया जाना था. इस पैटर्न के तहत सभी संविदा कर्मी को 5 साल में 25 नंबर का वेटेज देने की बात कही गई थी, लेकिन 25 नंबर की जगह 25% का वेटेज दिया जा रहा है और यही कारण है कि 400 नंबर के परीक्षा में इन संविदा कर्मियों को 133 नंबर दिए जा रहे हैं और इनका चयन कर लिया जा रहा है.
‘नीतीश कुमार सब कुछ देख कर भी चुप हैं’
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि जो भी फ्रेशर अभ्यर्थी हैं, वह 400 में 300 नंबर लाकर भी फेल हो जा रहे हैं. इन संविदा कर्मियों को परसेंटेज के आधार पर ज्यादा नंबर देकर नौकरी दी जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में हमारा नोडल आरसीडी और बीपीएससी दोषी है. नीतीश कुमार सब कुछ देख कर भी चुप हैं. हमारी मांग है कि इस पैटर्न को खत्म किया जाए और जो अभ्यर्थी परीक्षा देखकर नंबर ला रहे हैं, उनको प्राथमिकता दी जाए.