राज्यसभा में आज कृषि बिल को पास कराने के दौरान मचे बवाल के बाद राजनाथ समेत केंद्र के 6 मंत्रियों ने विपक्ष के खिलाफ हल्ला बोला। उप सभापति के साथ हुए बर्ताव पर सरकार ने नाराजगी जाहिर की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के फौरन बाद कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर पलटवार किया।
राज्यसभा में ध्वनि मत से कृषि से जुड़े 2 बिलों को पास करवाया जा चुका है। इन बिल को लेकर सदन के अंदर और बाहर विपक्ष का भी काफी हंगामा देखने को मिला है। वहीं कांग्रेस ने इसे काला दिन करार देते हुए आरोप लगाया है कि मोदी सरकार राजनीतिक दलों, किसानों और संसद की अनदेखी कर रही है।
बिल को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की पीठ पर छुरा घोंपा है। जब सरकार को एहसास हुआ कि उसके पास बहुमत नहीं है तो सरकार ने ध्वनि मत से बिल को पास करवाया। यह हमारे लोकतंत्र के 73 वर्षों में सबसे काला दिन है। यह एक सुनियोजित हमला था। 2020 में आजादी की लड़ाई PM MODI के खिलाफ लड़ी जाएगी।
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार के जरिए राजनीतिक दलों, किसानों और संसद को नहीं सुना जा रहा है। मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने अनुरोध किया कि मंत्री कल उत्तर दे सकते हैं और विधेयक कल पारित किया जा सकता है, लेकिन राज्यसभा के उपसभापति ने नहीं माना।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एक सांसद के मौलिक अधिकार को रोक दिया गया है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। राजनाथ सिंह ने उपसभापति के काम की निंदा करने की बजाय उनके कार्यों के सही ठहराया है। आज का पूरा प्रकरण बीजेपी के जरिए एक षड्यंत्र था।
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पर निशाना साधते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का अनादर करने के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह घटना काफी गलत थी। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। संसदीय मर्यादा का उल्लंघन हुआ। उपसभापति के साथ किया गया आचरण गलत था। आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना काफी दुखद था। इससे न केवल उनकी प्रतिष्ठा को बल्कि संसदीय लोकतंत्र को भी चोट पहुंची है।