Bengal Politics: ममता बनर्जी जा सकती हैं जेल, दिसंबर में गिर जाएगी टीएमसी सरकार; भाजपा नेता का बड़ा दावा

Bengal Politics: नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के बाद बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी मंगलवार को दावा किया है कि इस साल के अंत तक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार गिर जाएगी। यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी जेल जा सकती हैं। मजूमदार ने न केवल ‘भविष्यवाणी’ की बल्कि इसका कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि ममता जेल में रहेंगी, तो सरकार कौन चलाएगा?

टीएमसी ने किया पलटवार
टीएमसी ने भी सुकांत मजूमदार के दावे पर पलटवार किया। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि अगर सीबीआइ-ईडी की मदद से सरकार बदली जाती है तो जांच एजेंसी के लोगों को राज्यपाल, मुख्यमंत्री के पदों पर नियुक्त कर दिया जाए।

‘जेल में रहेंगे मंत्री, तो सरकार कौन चलाएगा’
मजूमदार मंगलवार को भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के साथ पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने हुगली गए थे। इस कार्यक्रम में मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया कि टीएमसी के 38 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। कार्यक्रम से इतर सुकांत ने पत्रकारों से कहा कि यह स्पष्ट है कि कुछ समय बाद टीएमसी के गिने-चुने नेता, खासकर राज्य के मंत्री ही जेल से बाहर होंगे। बाकी जेल के अंदर रहेंगे। अगर सभी मंत्री जेल में रहेंगे, तो सरकार क्या करेगी?

दिसंबर तक जेल में होंगे अधिकांश मंत्री
उसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि दिसंबर तक ऐसी स्थिति पैदा हो जाएगी कि राज्य के अधिकांश मंत्री यहां तक कि मुख्यमंत्री भी जेल में होंगी। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर यह सरकार गिर जाएगी। ममता के सिवा इस सरकार को और कौन चलाएगा?

भाजपा में चल रही प्रतिस्पर्धा
हालांकि, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने सुकांत की बातों को लेकर कहा कि यह सभी टिप्पणियां वास्तव में भाजपा के भीतर आंतरिक संघर्ष का प्रमाण हैं। भाजपा में पार्टी के भीतर प्रतिस्पर्धा चल रही है। राज्य के भाजपा नेता अस्तित्व संकट से क्यों जूझ रहे हैं। मिथुन एक चेहरा हैं। उन्हें दोबारा यहां भेज दिया गया है, क्योंकि नेतृत्व ने महसूस किया है कि वे अक्षम हैं।

भाजपा नेताओं को लोगों से कोई संबंध नहीं’
भाजपा के नेता भ्रष्टाचार और घोटाले को लेकर लगातार तृणमूल सरकार पर हमलावर हैं। हालांकि, कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा नेताओं की बातों में कोई दम नहीं है, हर नेता अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं। कुछ कहते हैं कि अगला चुनाव जीतना चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि हमें अभी सरकार बनानी है। दरअसल, उनका लोगों से कोई संपर्क नहीं है। आपस में ही प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। कौन किसको हराएगा? लेकिन, अगर सीबीआइ-ईडी सब कुछ करेगी, तो उन प्रशिक्षु नेताओं को राज्य में क्यों लाया गया है।

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1