बिहार में जीत के बाद BJP की पूरी रणनीति अब पश्चिम बंगाल को लेकर बन रही है। प्रचार युद्ध के दौरान हर राज्य की तरह BJP यहां पश्चिम बंगाल में भी PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को मुख्य चेहरे के तौर पर आगे रखेगी। BJP ने बांग्ला भाषियों के मन में जगह बनाने के लिए नई रणनीति के साथ नया नारा आजमाने का फैसला किया है। इसके तहत BJP अपने नए नारे ‘ ई बार बांग्ला.. पारले सांभला’ यानी ‘इस बार बंगाल, हो सके तो संभाल’ को धार देते हुए ममता सरकार को चुनौती देगी।
अपने संस्थापक सदस्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी के गृह राज्य यानी पश्चिम बंगाल में पहली बार सरकार बनाने को आतुर BJP को ममता बनर्जी और TMC आसानी से वाकओवर नहीं देगीं इसलिए उनके तीखे तेवरों का मुकाबला BJP की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह उसी अंदाज में देंगे। इसके लिये ये लगभग तय माना जा रहा है कि अमित शाह का बंगाल दौरा हर महीने तो होगा ही। लेकिन जनवरी से उनका अधिकतर समय बंगाल दौरे और बंगाल पर ही रहेगा। हालांकि BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा भी बंगाल का हर महीने दौर करेंगे।
जहां तक BJP की रणनीति का सवाल है। पार्टी नेतृत्व और खासकर पीएम मोदी और शाह का मानना रहा है कि चुनाव बूथ के जरिये ही जीता जाता है। इसलिये बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं की स्थिति मजबूत की जा रही है। पश्चिम बंगाल में BJP बूथ स्तर पर कार्यकताओं से सुझाव भी ले रही है।
इसके अलावा बंगाल की 294 विधानसभा सीटों को पार्टी ने 5 जोन में बांटा है। हर सेक्टर को एक राष्ट्रीय पदाधिकारी के जिम्मे सौप दिया गया है। पांच जोन के राष्ट्रीय पदाधिकारी बंगाल के सांसदो, विधायक, जिला अध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और बूथ अध्यक्षों से सीधे संपर्क में रहेंगे।
राष्ट्रीय सचिव विनोद सोनकर को राबंगा, सुनील देवधर को हुबली मेदिनी, महासचिव दुष्यंत गौतम को कोलकाता, नबादीप को विनोद तावड़े और उत्तर बंगाल की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश सिंह को दी गई है। केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति ये है कि बंगाल की मौजूदा टीम से अलग, अपने लेवल पर बूथ स्तर से भी फीडबैक लिया जाये. ये सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी अपनी शुरुआती रिपोर्ट 20 नवम्बर को BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौपेंगे।