दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को BJP पर “अच्छी और किफायती” शिक्षा के खिलाफ होने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने CBSE परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी को शहर के “6 लाख परिवारों पर बोझ” बताते हुए इस बारे में पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा। सिसोदिया की यह टिप्पणी BJP द्वारा आप पर ‘‘किसी अन्य द्वारा किए गए कार्य’’ का श्रेय लेने का आरोप लगाए जाने के कुछ घंटे बाद आई। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।
CBSE रुपये तक की बढ़ोतरी की। यह बढ़ोतरी 5 साल में पहली बार की गई। दिल्ली के शिक्षा मंत्री का प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने यह आरोप भी लगाया कि BJP “अच्छी और किफायती” शिक्षा के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूली छात्रों की पूरी फीस वहन करने को अभी भी प्रतिबद्ध है, BJP के इस कदम ने दिल्ली में निजी स्कूली छात्रों पर भारी वित्तीय बोझ थोप दिया है। सिसोदिया ने कहा, ‘‘ये परिवार BJP को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि फीस बढ़ाकर BJP ने दिल्ली के 6 लाख परिवारों पर बोझ डाल दिया है। यह दिखाता है कि BJP शिक्षा के खिलाफ है।’’
सिसोदिया ने कहा, ‘‘BJP एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो शिक्षा सुधार के पूरी तरह से खिलाफ है। आज मैं BJP नेताओं से यह सवाल पूछना चाहता हूं कि वे आप सरकार के किफायती शिक्षा मॉडल के खिलाफ क्यों हैं? मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि BJP पूरे भारत में किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विचार के क्यों खिलाफ है?’’
सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों के सभी कक्षा 10 और 12 के छात्रों की पूरी CBSE परीक्षा फीस का भुगतान करेगी।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में लगभग 44 लाख छात्र सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पढ़ रहे हैं जिनमें से लगभग छह लाख 10वीं और 12वीं कक्षा में हैं। सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार के CBSE परीक्षा शुल्क के भुगतान के निर्णय से सरकारी स्कूलों के 3.5 लाख से अधिक छात्रों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘BJP ने सोचा कि इस फैसले से उसकी राजनीति प्रभावित होगी, इसलिए दिल्ली BJP के नेताओं ने तुरंत अपने राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क कर CBSE से इसकी फीस बढ़ाने के लिए कहा। इसके बाद दो अगस्त, 2019 को, CBSE ने कक्षा 10 और 12 के लिए परीक्षा शुल्क में भारी बढ़ोतरी की घोषणा कर दी, जिसके तहत सामान्य वर्ग के लिए यह बढ़कर 1,950 रुपये और एससी/एसटी के लिए 1,650 रुपये हो गई है।