बिहार में जगह-जगह हुए जलजमाव की वजह से यातायात पर भी असर पड़ा है। राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में वर्षा जनित घटनाओं में 27 लोगों की मौत हो गयी जबकि एक अन्य व्यक्ति जख्मी हो गया। बीते तीन दिनों से हो रही बारिश ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पटना शहर के खगौल थाना अंतर्गत दानापुर रेलवे स्टेशन के पूर्वी गेट के पास भारी बारिश के कारण सड़क किनारे एक पेड़ आटोरिक्शा पर गिर गया जिससे उसमें सवार डेढ़ साल की एक बच्ची और तीन महिलाओं की मौत हो गई।
खगौल थानाध्यक्ष ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। वहीं, भागलपुर जिले के बरारी थानाक्षेत्र में भारी बारिश के कारण अलग अलग अलग स्थानों पर दीवार गिरने से मलबे के नीचे दबकर छह लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य व्यक्ति जख्मी हो गया।
भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि भारी बारिश के कारण बरारी थानाक्षेत्र स्थित हनुमान मंदिर की चहारदीवारी के अचानक गिर जाने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य व्यक्ति जख्मी हो गया।
अलग-अलग जिलों में भारी बारिश के कारण आज भी सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित रहा। पटना हवाई अड्डे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक खराब मौसम के कारण मुंबई-पटना गो एयर की उड़ान संख्या जी8-585 को लखनऊ व दिल्ली-पटना एसजी 8480 को वाराणसी डाइवर्ट कर दिया गया। पटना एवं उसके आसपास भारी बारिश के कारण रेल पटरी एवं रेल पुलों के निकट भारी जलजमाव हो गया है। इसके फलस्वरूप यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ ट्रेनों के परिचालन में अस्थाई बदलाव किया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन के आसपास जल जमाव से उत्पन्न स्थिति के मद्देनज़र यात्रियों को पटना जंक्शन पहुँचने में हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि वे सभी ट्रेनें जिनका पटना जंक्शन पर ठहराव है उन सभी ट्रेनों का दानापुर जंक्शन पर भी तत्काल प्रभाव से ठहराव दिया जाए।
कुछ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, उनमें सुपौल, अररिया, किशनगंज, बांका, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, वैशाली और मुंगेर शामिल है। जबकि पटना, गोपालगंज, शेखपुरा, चंपारण, सीवान समेत बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
पटना के राजेंद्र नगर की स्थिति काफी भयावह है। पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से इतना पानी इस इलाके में जमा हो गया कि लोगों ने कभी सपने में नहीं सोचा था। 1996-97 में राजेंद्र नगर में नाव चली थी। 1975 में पटना में जो बाढ़ आई थी ठीक वैसा ही नजारा राजेंद्र नगर में दिख रहा है। यहां बचाव दल नाव पर सवार होकर लोगों की मदद में जुटे हैं।