Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच में तेजस्वी यादव का महागठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा बनना क्या गेमचेंजर साबित होने वाला है? क्या तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव में अपनी ‘धाक’ का प्रमाण दे दिया है? पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की झिझक और सीट बंटवारे पर चल रही खींचतान के बीच भी तेजस्वी के नाम पर मुहर लगना दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर उनकी मजबूती को नजरअंदाज करना महागठबंधन के लिए घातक हो सकता था. ऐसे में अब सवाल है कि क्या सीएम फेस बनकर तेजस्वी यादव चुनावी दंगल में ‘गदर’ मचाने में कामयाब होंगे? तेजस्वी यादव ने कैसी अपनी धाक जमाई?
महागठबंधन के सभी नेताओं में से तेजस्वी सबसे युवा और जमीनी स्तर पर सबसे ज्यादा वोट बैंक पर दावा रखते हैं. तेजस्वी यादव का मुस्लिम-यादव यानी MY समीकरण तो बीते कई चुनाव में दिखता आ रहा है. लेकिन इस बार तेजस्वी यादव का ए टू जेड A 2 Z फॉर्मूला भी काम कर रहा है. तेजस्वी यादव ने इस बार के बिहार चुनाव में सभी जातियों को टिकट देकर यह साबित कर दिया है. युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता एनडीए के लिए एक बड़ी चुनौती है. कांग्रेस और वामदलों ने मान लिया कि आरजेडी के MY समीकरण के साथ युवाओं के जुड़ाव को सिर्फ तेजस्वी ही पूरी शक्ति दे सकते हैं.
‘नौकरी का संकल्प’ और सकारात्मक एजेंडा
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी ने चुनाव को रोजगार, भ्रष्टाचार और विकास पर केंद्रित करके राजनीतिक माहौल को बदल दिया. उनका दावा है कि 17 महीने के उपमुख्यमंत्री काल में उन्होंने जो सरकारी नौकरियां दीं. उससे युवाओं का विश्वास बढ़ा. उनका यह भी वादा है कि सरकार बनने पर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी, एक गेम चेंजर साबित हो सकता है. आरजेडी बिहार में महागठबंधन का सबसे बड़ा दल है. सीट बंटवारे में कांग्रेस के साथ चल रहे टकराव ने आरजेडी को यह साबित करने का मौका दिया कि गठबंधन में उसकी मर्जी ही सबसे ऊपर है. कांग्रेस को आखिरकार झुकना पड़ा, क्योंकि तेजस्वी के बिना एकजुटता और जीत दोनों खतरे में थी.
क्या सीएम फेस बनकर मचाएंगे गदर?
तेजस्वी यादव का सीएम चेहरा बनना महागठबंधन के लिए एक बड़ी जीत है. इससे नीतीश कुमार के 20 साल के शासन के बाद जनता में बदलाव की इच्छा जाग सकती है. तेजस्वी इस सत्ताविरोधी लहर को सीधे तौर पर भुनाने वाले एकमात्र विकल्प के रूप में अपने आपको पेश कर सकते हैं. तेजस्वी ने एनडीए को रक्षात्मक मोड में लाकर खड़ा कर दिया है, क्योंकि एनडीए ने अभी तक आधिकारिक तौर पर अपना सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है. तेजस्वी अब सीधा सवाल पूछ रहे हैं कि एनडीए का सीएम फेस कौन होगा?
कुल मिलाकर मुकेश सहनी को महागठबंधन का उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर तेजस्वी ने एनडीए के परंपरागत ईबीसी वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी की रणनीति बनाई है. सहनी के जुड़ने से मल्लाह समुदाय के वोटों पर असर पड़ना तय है. हालांकि, सीएम फेस घोषित होने के बावजूद, महागठबंधन को कई चुनौतियों का सामना करना होगा. तेजस्वी को अपनी ‘जंगलराज’ की पुरानी छवि को पूरी तरह से मिटाने के लिए सख्त मेहनत करनी होगी.

