हाल ही में एक अजब गजब मामला सामने आया है जब उत्तराखंड के सहसपुर के छरबा क्षेत्र में खेत में खड़ी एक भैंसा बुग्गी का पुलिस ने चालान काट दिया
पुलिस वाले मित्रों का हाल भी गजब ही है जिन्होंने संसोधित परिवहन एक्ट को कुछ इतना सीरियस ले लिया है कि उनको ये भी नहीं पता चल रहा है कि किसका चालान काटा जाना चाहिए और किसका नहीं । बीते दिन हद तो तब हो गयी जब पुलिस ने उत्तराखंड के छरबा क्षेत्र में शीतला नदी के किनारे स्तिथ एक खेत में खड़ी भैंसा बुग्गी का चालान काट दिया । आपको बता दे की एमवी एक्ट में भैंसा बुग्गी का चालान काटने का प्रावधान कही है ही नहीं । चालान सिर्फ उन वाहनों का काटा जा सकता है जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है ।

किसान ने पुलिस पर ये भी आरोप लगाया कि उसका सामान जो भैंसा बुग्गी पर रखा था वो भी पुलिस ने कहीं इधर उधर फेंक दिया । असल में छरबा निवासी एक किसान ने अपने खेत में अपनी भैंसा बुग्गी खड़ी की थी वो अपना काम कर रहा था । पुलिस ने उस बुग्गी को लावारिश समझते हुए उसके बारे ने लोगों से पूछताछ शुरू की तो पता चला की बुग्गी रियाज पुत्र हुसनद्दीन की है । पुलिस बुग्गी के साथ रियाज के घर पहुची और रियाज का 1000 रूपये का चालान काट दिया ।रियाज ने किसी भी हालात में जुर्माना भरने से मन किया है । रियाज ने कहा की वो इसके खिलाफ कोर्ट भी जाएगा ।