Doctor G Movie Review: ‘डॉक्टर जी’ बनकर छा गए आयुष्मान खुराना, कॉमेडी की ये डोज देती है जबरदस्त सोशल मैसेज

Doctor G Movie Review in Hindi: ‘बरेली की बर्फी’, ‘बधाई हो’ और ‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी लीक से हटकर सामाजिक विषयों की फिल्मों में नजर आए आयुष्मान खुराना की नई फिल्म डॉक्टर जी रिलीज हो गई है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित एक किरदार को निभाने से लेकर समय से पहले गंजेपन की समस्या को सामने लाने तक, आयुष्मान खुराना हमेशा कुछ नया परोसते हैं और यही वजह है कि फैंस को उनकी फिल्मों का इंतजार रहता है। इस बार आयुष्मान खुराना एक बार फिर लीक से हटकर विषय पर बनी फिल्म ‘डॉक्टर जी’ में मजेदार कॉमेडी से न सिर्फ दर्शकों को गुदगुदाते हैं, बल्कि इसके माध्यम से जिंदगी के सबक भी सिखाते नजर आते हैं। डॉक्टर जी में आयुष्मान खुराना पुरुष गाइनेकॉलोजिस्ट की भूमिका निभा रहे हैं । निर्देशक अनुभूति कश्यप की ‘डॉक्टर जी’ एक कॉमेडी ड्रामा है, जो एक मेडिकल कैंपस की पृष्ठभूमि पर आधारित है और एक पुरुष गाइनेकॉलोजिस्ट किस तरह महिला-प्रधान दुनिया में संघर्ष करता है। अगर आप फेस्टिवल सीजन में बढ़िया कॉमेडी फिल्म इंजॉय करना चाहते हैं, तो सिनेमाघर जाकर ‘डॉक्टर जी’ देखें।

फिल्म ‘डॉक्टर जी’ की कहानी
ये कहानी है भोपाल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर उदय गुप्ता (आयुष्मान खुराना) की। उसके पिता का देहांत तब हो गया था जब वह अपनी मां के पेट में था और अब वह अपनी मां लक्ष्मी देवी (शीबा चड्ढा) के साथ रहता है। वह अपने कजिन भाई की तरह ऑर्थोपेडिक डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन जब रैंक कम आती है तो उसे मजबूरी में गाइनेकॉलजी ब्रांच लेनी पड़ती है। वह फिर तैयारी करता है कि ज्यादा नंबर आएंगे तो ऑर्थोपेडिक ब्रांच मिल जाएगी लेकिन उसे उसकी सीनियर डॉक्टर नंदिनी श्रीवास्तव (शेफाली शाह) समझाती हैं कि वह गाइनेकॉलजी में मेहनत करके अपना भविष्य बनाए।

रकुल से होती है मुलाकात
कॉलेज में उसकी मुलाकात फातिमा (रकुलप्रीत सिंह) से होती है जिसकी शादी तय हो चुकी है। बावजूद उसके उदय उसे पसंद करने लगता है। उदय को ना मनपसंद ब्रांच मिली और जिससे प्यार किया उसकी शादी तय हो चुकी है। करियर और भविष्य की चिंता के अलावा उससे मां की भी चिंता है जो दिनभर डेटिंग वेबसाइट पर अपने लिए साथी तलाशती है। यहां कहानी में एक जबरदस्त ट्विस्ट आता है जो उससे हिला देता है। फिल्म के गाने रोमांटिक हैं और संगीत भी पसंद करने लायक है।

आयुष्मान खुराना हर बार की तरह अपने रोल में परफेक्ट नजर आए हैं और उन्हें बेहतरीन काम किया है। रकुलप्रीत सिंह ने मजेदार कॉमेडी में उनका साथ दिया है। शीबा चड्ढा और शेफाली शाह अपने किरदारों में जानदार नजर आई हैं। अनुभूति कश्यप ने स्त्री रोग विशेषज्ञ बने पुरुष डॉक्टर जैसे संवेदनशील विषय पर बेहतरीन फिल्म बनाई है और इसमें कॉमेडी के बहाने जो सामाजिक संदेश देने का काम किया है वो प्रशंसनीय है। संवेदनशील विषयों पर कॉमेडी फिल्म बनाना चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन अनुभूति के डायरेक्शन और सुमित सक्सेना के स्क्रीन प्ले ने इसे आसान कर दिया है। यह फिल्म सभी मर्दों को अपनी मां, गर्लफ्रेंड या दूसरी औरतों के प्रति कुछ सबक और जिम्मेदारियां सिखाती है।

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