हिमंत बिस्वा सरमा असम के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें सर्बानंद सोनोवाल के इस्तीफे के बाद असम राज्य की कमान सौंपी गई है। मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को आयोजित किया जाएगा। Himanta Biswa Sarma असम के नए मुख्यमंत्री होंगे, ऐसे में आइए जानते हैं आखिर कौन हैं हिमंत बिस्वा सरमा , कैसा रहा है उनका राजनीतिक सफर, इन सभी पर एक नज़र…
असम में भाजपा की जीत में अहम योगदान
असम में लगातार दूसरी बार BJP के नेतृत्व में NDA की सरकार बनने के पीछे Himanta Biswa Sarma की जबरदस्त मेहनत बताई जाती है। कहा जाता है कि वो लोकप्रियकता के मामले में सर्बानंद सोनोवाल से किसी भी मायने में कम नहीं हैं और इस चुनाव में उनका जोरदार प्रचार अभियान, तेज व आक्रामक रणनीति BJP की जीत की अहम वजह रही जिसके चलते पार्टी ने उन्हें सर्बानंद की जगह सीएम पद पर आसीन किया है।
हिमंत बिस्वा सरमा जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस से किनारा कर लिया था, वह प्रभाव और प्रमुखता में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से अधिक थे। 2016 के चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत के एक बड़े कारक के रूप में प्रसिद्धि के साथ-साथ सीएए आंदोलन और कोरोना महामारी की चुनौतियों से निपटने में भी Himanta Biswa Sarma का योगदान सबसे ज्यादा रहा। उत्तर-पूर्व भारत में BJP की उपस्थिति को और अधिक मजबूती में भी पूर्व कांग्रेस नेता इसे बढ़ाने के लिए पार्टी के प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय अलावा लगभग सभी महत्वपूर्ण विभागों को संभालने के अलावा Himanta Biswa Sarma उत्तर-पूर्व डेमोक्रेटिक एलायंस के संयोजक के रूप में भी काम करते हैं, जो उत्तर-पूर्व में अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए BJP के सफल “विशेष उद्देश्य वाहन” हैं।
असम में भाजपा ने जीती 60 सीटें
126 सीटों वाली विधानसभा में, BJP ने 60 सीटें जीतीं जबकि उसके गठबंधन सहयोगी असोम गण परिषद (एजीपी) ने 9 सीटें जीतीं और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 6 सीटें जीतीं। दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस ने 29 सीटें जीतीं और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने 16 सीटें जीतीं। बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने चार सीटें जीती थीं।