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सरकार बची, अब घर बचाने में लगी कांग्रेस

राजस्थान में Ashok Gehlot की सरकार पर मंडरा रहा संकट अब हटता हुआ दिख रहा है। सोमवार दोपहर को अशोक गहलोत ने 100 से अधिक विधायकों की परेड मीडिया के सामने करवाई और विक्ट्री साइन दिखाया। साफ है कि Ashok Gehlot ने संदेश दिया है कि उनके पास बहुमत है और सचिन पायलट के सभी दावे गलत साबित होते दिख रहे हैं। ऐसे में अब हर किसी की नजर इसपर है कि सचिन पायलट क्या कदम उठाएंगे। सचिन पायलट लगातार 25 से अधिक विधायक होने का दावा कर रहे थे।

02.05 PM- सचिन पायलट का संदेश लेकर अब एक नेता जयपुर जाएंगे। सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट ने वित्त और गृह मंत्रालय मांगा है, साथ ही अपने लिए प्रदेश अध्यक्ष का पद मांगा है।

02.00 PM– बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी खुद इस मामले में एक्टिव हैं और Ashok Gehlot-सचिन पायलट से बात कर रही हैं। ताकि मामले को सुलझाया जा सके।

01.55 PM- जयपुर में एक बार फिर सचिन पायलट के पोस्टरों को लगाया जा रहा है। सुबह जयपुर कांग्रेस के दफ्तर से सचिन पायलट के पोस्टरों को हटाया जा रहा था।
गहलोत का शक्ति प्रदर्शन

01.17 PM- मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने मीडिया को अपने आवास में बुलाया है, जहां पर विधायकों की संख्या का शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है । Ashok Gehlot की ओर से लगातार 100 से अधिक विधायकों के समर्थन की बात कही जा रही थी। इस दौरान Ashok Gehlot ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया।

सचिन पायलट का दावा

12.20 PM– राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दावा किया है कि 25 विधायक उनके साथ हैं। सचिन पायलट ने साफ कहा कि वो जयपुर में बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। दूसरी ओर गहलोत गुट का दावा है कि उनके पास 102 विधायक हैं।

कांग्रेस की पायलट से अपील

11.50 AM– केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जयपुर भेजे गए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 48 घंटे में कांग्रेस नेतृत्व ने कई बार सचिन पायलट से बात की है। राजस्थान सरकार जनता की सेवा के लिए काम करेगा। हम सभी विधायकों और नेताओं से अपील करते हैं कि वो विधायक दल की बैठक में शामिल हों, कांग्रेस की सरकार को मजबूत करने का काम करें।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कभी-कभी वैचारिक मतभेद उत्पन्न होता है, लेकिन इससे अपनी ही सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं हैं। अगर कोई मतभेद है तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में हम इसका समाधान निकालेंगे। व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के जरिए सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि BJP की ओर से हर बार जांच एजेंसियों को आगे किया जाता है, आज सुबह से ही कांग्रेस के साथियों पर इस तरह से छापेमारी करवाकर डराने की कोशिश की जा रही है।

11.05 AM- अब से कुछ देर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है। करीब नब्बे विधायक बैठक में पहुंच गए हैं, जिनमें सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले 4 विधायक भी शामिल हैं। साथ की करीब दस निर्दलीय विधायक भी बैठक में पहुंच गए हैं।

10.47 AM- अब से कुछ देर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो रही है। इस बीच सचिन पायलट के करीबी माने जा रहे दानिश अबरार भी अशोक गहलोत की बैठक में पहुंचे हैं।

10.36 AM- अब से कुछ देर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू होगी। विधायकों का पहुंचना शुरू हो गया है, करीब 60 से अधिक विधायक अबतक पहुंच चुके हैं।


10.30 AM– निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया आज की कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगी। रमिला का ही फोन टेप किया गया था। रमिला का कहना है कि आज उनके पति की पुण्यतिथि है, लेकिन उनका समर्थन अशोक गहलोत के साथ है।

10.00 AM- अब से कुछ देर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू होनी है और विधायकों का आना शुरू हो गया है। इस बीच कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी का कहना है कि भाजपा राज्य में सरकार नहीं गिरा पाएगी, सभी विधायक मुख्यमंत्री Ashok Gehlot के साथ हैं। कोई भी नाराज नहीं है।


09.40 AM- अब से कुछ देर में होने वाली बैठक से पहले सचिन पायलट गुट का दावा है कि व्हिप जारी होने पर जरूरी नहीं है कि पार्टी बैठक में शामिल होना है। क्योंकि इस वक्त विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, ऐसे में व्हिप के कानूनी मायने नहीं हैं।

09.05 AM- कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल आज जयपुर पहुंचेंगे। वो कांग्रेस पार्टी की बैठक में हिस्सा लेंगे। बता दें कि इससे पहले ही 3 दिल्ली के नेता जयपुर में मौजूद हैं, जो हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
09.00 AM- राजस्थान सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री प्रताप सिंह का कहना है कि अगर सचिन पायलट भाजपा के साथ जा रहे हैं, तो वो पाप कर रहे हैं। हम BJP को सरकार की शपथ नहीं लेने देंगे, हमारी सरकार बहुमत में है और दस बजे हम दिखा देंगे।

08.00 AM– सूत्रों की मानें, तो अगर सचिन पायलट और उनके समर्थक आज सुबह होने वाली बैठक में नहीं आते हैं तो पार्टी उनपर एक्शन ले सकती है। इसमें सभी को पार्टी से निकाला जा सकता है। इसके साथ ही राजस्थान का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा। कांग्रेस पार्टी रघुवीर मीणा को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।

पिछले कुछ दिनों से चल रहे इस सियासी ड्रामे ने रविवार को क्लाइमेक्स का रूप ले लिया। जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सियासी तलवारें खिंच गई और दिल्ली में मौजूद केंद्रीय नेतृत्व को एक्शन में आना पड़ा। दिल्ली से तीन नेता जयपुर पहुंचे, जिन्होंने Ashok Gehlot और अन्य विधायकों के साथ बैठक की।
BJP में शामिल होंगे सचिन पायलट?

राजस्थान में मुख्यमंत्री Ashok Gehlot से खफा चल रहे सचिन पायलट के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के आसार हैं। रविवार को सचिन ने पूर्व कांग्रेसी साथी और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की, दोनों की मीटिंग करीब 40 मिनट तक चली। जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि सचिन पायलट भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। और सोमवार को BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं, हालांकि अभी तक इसपर कुछ कन्फर्म बात सामने नहीं आई है।

सचिन पायलट को कितने विधायकों का समर्थन

राजस्थान में कांग्रेस दो धड़ों में बंट चुकी है, ऐसे में हर किसी की ओर से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। सचिन पायलट के गुट का दावा है कि उनके साथ करीब 30 विधायक हैं, जबकि और भी साथ आ सकते हैं। और जल्द ही ये विधायक अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को सौंप सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस इस दावे को नकार रही है, लेकिन रविवार रात को Ashok Gehlot के आवास पर हुई बैठक में सिर्फ 75 के करीब ही कांग्रेस विधायक पहुंच पाए, जिसने कांग्रेस को सतर्क कर दिया है।
क्या कहता है राजस्थान का नंबर गेम?

राजस्थान में कांग्रेस और साथी दलों के पास पूर्ण बहुमत है और BJP काफी दूर है। अगर कुछ विधायक पाला बदलते हैं तो राजस्थान की सरकार पर कोई बड़ा संकट नहीं आता दिख रहा है। राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं इसके अलावा उसे कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि BJP के पास सिर्फ 72 विधायक हैं। अब अगर सचिन पायलट के दावे के अनुसार, 30 विधायक पाला बदलते हैं, तो Ashok Gehlot सरकार पर संकट आ सकता है।

किस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई?

Ashok Gehlot और सचिन पायलट में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव से ही आरपार की लड़ाई जारी है। लेकिन मौजूदा वक्त में ये विवाद तब गहराया जब Ashok Gehlot ने BJP पर सरकार गिराने का आरोप लगाया, साथ ही पार्टी के अंदर कुछ गद्दारों को चेताया। इसकी जांच के लिए एक ग्रुप बनाया गया, जिसने सचिन पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस भेज दिया। हालांकि, ऐसा नोटिस CM को भी गया था। इसी के बाद विवाद बढ़ता गया। साथ ही सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष पद का कार्यकाल खत्म हो रहा है और राजस्थान में उपचुनाव, पंचायत चुनाव भी होने हैं।

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