चीन को लगातार भारत एक के बाद एक कई झटके दे चुका है। चीन इन झटकों से अभी उबरा भी नहीं था कि उसे एक और झटका लग गया है। इस बार बीएसएनएल और एमटीएनएल ने अपना 4G टेंडर रद्द कर दिया है। अब इसका दोबारा नया टेंडर जारी किया जाएगा। जो मेक इन इंडिया होगा। सरकार ने BSNL-MTNL को चीन की कंपनियों से सामान ना खरीदने का निर्देश दिया था। जिसके बाद टेंडर को निरस्त करने का फैसला लिया गया।
BSNL-MTNL के अब नए टेंडरों में मेक इन इंडिया और भारतीय टेक्नॉलजी को प्रोत्साहन देने के लिए नए प्रावधान होंगे। टेलीकॉम मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया था कि 4जी फैसिलिटी के अपग्रेडेशन में किसी भी चाइनीज कंपनियों के बनाए उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। वहीं पूरे टेंडर को नए सिरे से जारी किया जाएगा। सभी प्राइवेट सर्विस आपरेटरों को निर्देश दिया जाएगा कि चाइनीज उपकरणों पर निर्भरता तेजी से कम की जाए। इससे पहले भी BSNL-MTNL ने 4जी नेटवर्क के लिए चीनी कलपुर्जे का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया था।
बता दें कि चीन को झटका देने के लिए रेलवे ने 471 करोड़ रुपये का सिगनलिंग प्रोजेक्ट रद्द कर दिया था। साथ ही MMRDA ने मोनोरेल से जुड़ी चीन की 2 कंपनियों का टेंडर रद्द कर दिया है। यही नहीं MMRDA ने 10 मोनोरेल रैक्स बनाने की बोली भी रद्द कर दी है। मेरठ रैपिड रेल का टेंडर चीनी कंपनी के पास था। इसे भी रद्द कर दिया गया। महाराष्ट्र सरकार ने तलेगांव में ग्रेट वॉल का टेंडर रद्द कर दिया था। हरियाणा सरकार ने चीनी कंपनियों का 780 करोड़ रुपए का ऑर्डर रद्द कर दिया।