अमेरिका (America) ने आखिरकार 22 साल बाद केन्या (Kenya) और तंजानिया (Tanzania) में अमेरिकी दूतावासों (American Embassy) पर हुए हमलों (Terrorist Attack) का बदला लेते हुए आतंकवादी संगठन अलकायदा (Al-Qaeda) के कुख्यात आतंकी को मार गिराया है। अमेरिका की ओर से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने ईरान की राजधानी तेहरान में घुसकर अलकायदा के आतंकी अबू मोहम्मद अल मिस्री (58) को मार गिराया है। बता दें कि आतंकी अबू मोहम्मद अलकायदा का दूसरे नंबर का सरगना था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस हमले में अलकायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन की एक बहू भी मारी गई।
बता दें कि 9 अगस्त 1998 को अफ्रीकी देश केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर हुए भीषण हमले में 224 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अलकायदा ने ली थी। हमले की जांच में पता चला था कि अबू मोहम्मद इस हमले का मास्टरमाइंड था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अबू मोहम्मद ऊर्फ अब्दुल्ला अहमद अब्दुल्ला को तेहरान की सड़क पर उस समय गोलियों से भून दिया गया जब उसके साथ उसकी बेटी भी मौजूद थी।
खबर है कि अमेरिका के बदले को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के सीक्रेट दस्ते ने अंजाम दिया है। बता दें कि अबू मोहम्मद पर अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ था। बता दें कि आतंकी अबू मोहम्मद को 7 अगस्त को मारा गया था लेकिन अमेरिका, ईरान और इजरायल ने इस बात को दुनिया से छुपाकर रखा था।
अबू मोहम्मद की हत्या का प्लान काफी सीक्रेट तरीके से बनाया गया था और उसे अंजाम भी उसी तरीके से दिया गया था। इस घटना के बाद जब मीडिया ने ईरान सरकार से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने मारे जाने वाले व्यक्ति का नाम हबीब दाऊद और उसकी 27 साल की बेटी मरियम बताया था। ईरानी मीडिया को बताया गया था कि मारा गया व्यक्ति हबीब दाऊद लेबनान का इतिहास का प्रोफेसर था।