यूपी के कानपुर में बाल संरक्षण गृह मामले को लेकर UP में अब सियासत तेज होने लगी है। सरकारी बाल संरक्षण गृह में 7 लड़कियों के गर्भवती पाए जाने की खबरें मीडिया में आने के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है। इसके अलावा कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने घटना पर BJP सरकार पर हमला बोला है।
UP के पूर्व CM अखिलेश यादव ने घटना पर ट्वीट करते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है। सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के खिलाफ तुरंत जांच कराए।
अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से UP में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना और एक HIV से भी ग्रसित पाई गई है, इनका तत्काल इलाज हो। सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के खिलाफ तुरंत जांच बैठाएं।’
इससे पहले प्रियंका गांधी ने इस घटना को मुजफ्फरपुर की घटना जैसा बताया। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट किया, ‘मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। उUP के देवरिया से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे में फिर से इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।
पिछले कई दिनों से बाल संरक्षण गृह में कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं जिनमें से अब तक कुल 171 पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें से 57 की उम्र 15 से 17 साल की है। बाकी 114 लड़कियों और 37 कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है। कानपुर पुलिस अब इस तथ्य की जांच कर रही है कि आखिर संवासिनी गृह में कोरोना फैला कैसे।
इस पूरे मामले में कानपुर के SSP दिनेश कुमार पी. का कहना है कि दोनों लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थीं। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज है। एक लड़की कन्नौज तो दूसरी आगरा से आई थी। बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है।