आकाश मिसाइल (Akash Missile) के नये वर्जन आकाश प्राइम का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. ओडिशा के चांदीपुर प्रक्षेपण स्थल से इसका सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. यह जानकारी डीआरडीओ की ओर से दी गयी.
मिसाइल ने परीक्षण के दौरानएक मानवरहित हवाई लक्ष्य को रोका और नष्ट कर दिया. यह मिसाइल दुश्मनों को परास्त करने में कारगर है. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है.
डीआरडीओ ने बताया, “आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण ‘आकाश प्राइम’ का आज एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) ओडिशा के चांदीपुर से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. मिसाइल ने सुधार के बाद अपने पहले उड़ान परीक्षण में दुश्मन के विमान के तौर पर मानवरहित एरियल टार्गेट को इंटरसेप्ट किया और फिर उसे नष्ट किया.”
कई रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, आकाश प्राइम वास्तव में आकाश Mk1S को फिर से री-डिजाइन करके तैयार किया गया है, जिसका भारतीय सेना द्वारा पांच बार परीक्षण किया जा चुका है. आकाश प्राइम अपने लक्ष्य को अधिक सटीक तरीके से भेदने में सक्षम है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक आकाश प्राइम में ऊंचाई वाले विषम जलवायु परिस्थितियों से निपटने के लिए रडार और ट्रैकिंग के साथ ही लॉन्च सिस्टम के लिए कई अतिरिक्त फीचर्स मौजूद हैं.
आकाश प्राइम सख्त ऑनबोर्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के साथ आएगा, ताकि यह शून्य से 35-40 डिग्री सेल्सियस नीचे भी काम कर सके जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सर्दियों में कुछ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में औसत दैनिक न्यूनतम तापमान होता है. भले ही आकाश एमके1 और एमके1एस सभी मौसम में कम, मध्यम और ऊंचाई से प्रवेश करने वाले मध्यम दूरी के हवाई लक्ष्यों के खिलाफ एक वायु रक्षा हथियार प्रणाली (Air Defence Weapon System) है, लेकिन आकाश प्राइम मिसाइल को इस तरह से तैयार किया गया है कि वह ऐसे हालात से और भी बेहतर तरीके से निपटे.
सटीक मारक क्षमता, रडार, ट्रैकिंग डिवाइस… आकाश मिसाइल का एडवांस वर्जन ‘आकाश प्राइम’ बनेगा दुश्मनों के लिए काल
आकाश प्राइम में -20 डिग्री सेल्सियस से 60 डिग्री सेल्सियस पर काम करने वाली बैटरियों की सुविधा होगी, जो उन्हें ठंडे मौसम की स्थिति में उपयोग के लिए व्यावहारिक बनाती है जहां वायु रक्षा प्रणाली को लंबी अवधि के लिए विपरीत जलवायु में तैनात किया जाता है. सटीक मारक क्षमता के लिए आकाश मिसाइल में स्वदेशी एक्टिव आरएफ सीकर से लेस किया गया.