Jharkhan Politics : आजसू नेता और झारखंड के पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद ऐलान करते हुए कहा कि आजसू और बीजेपी मिलकर आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. जल्द ही झारखंड में सीट बंटवारे पर एनडीए की अंतिम घोषणा होगी. क्या बीजेपी आजसू की मांग स्वीकार करेगी
ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) और बीजेपी मिलकर आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. दोनों दलों के बीच इसको लेकर सहमति बन गई है. आजसू नेता और झारखंड के पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद दिल्ली में इसका ऐलान किया. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. आजसू ने 50 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे. बीजेपी और आजसू दोनों ही दलों को गठबंधन टूटने का नुकसान उठाना पड़ा था. बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी. हालांकि हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में दोनों दलों फिर साथ आ गए थे.
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद असम सीएम हिमंता बिस्वसर्मा से भी आजसू प्रमुख मिलेंगे. इसके बाद जल्द ही झारखंड में सीट बंटवारे पर एनडीए की अंतिम घोषणा होगी.
झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए सहयोगी दल आजसू ने इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटों पर लड़ने की दावेदारी पेश की है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान झारखंड में एनडीए सहयोगी दल आजसू ने राज्य में 81 में से 14 सीटों की मांग की जहां पर वह खुद चुनाव लड़ना चाहती है. इन सीटों में जामताड़ा सिल्ली मांडू प्रमुख हैं. पिछले चुनाव में आजसू ने 10 सीटों पर दावेदारी जताई थी. बात नहीं बनी तो बीजेपी से गठबंधन टूट गया था. बाद में आजसू ने 50 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए थे. गठबंधन टूटने से दोनों पार्टियों को खासा नुकसान हुआ था. बीजेपी को 28 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. वहीं आजसू की झोली में सिर्फ दो सीटें आई थीं.
क्या चंपाई सोरेन के आने से फायदा होगा ? इस सवाल के जवाब में सुदेश महतो ने कहा, ‘चंपाई से भावनात्मक लगाव है. आंदोलन के नाते उनका सम्मान भी है. जिस तरह से उन्होंने अपनी वेदना पत्र के माध्यम से जारी किया है, वह काफी दुखदायक है. हम लोग चाहेंगे और राज्य के हित में वे आगे बढ़ते हैं तो साथ आगे बढ़े तो बहुत अच्छा रहेगा. हम उन्हें कोई सुझाव नहीं दे सकते हैं लेकिन झारखंड के लिए वह लड़े हैं, झारखंड के बड़े चेहरा हैं. अगर वह अपनी बात मंच पर चढ़कर कहेंगे, उनके काम करने का जो स्वभाव रहा है और राज्य को केंद्र बनाकर काम करेंगे तो निश्चित रूप से अच्छा प्रभाव रहेगा.’

