तमाम कोशिशों के बाद बचाने में नाकामयाब रहने के कारण सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला किया था और अब वह वक्त नजदीक आ गया है। महाराजा के लिए बोली मंगाई गई है और बोली जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च है। अश्विनी लोहानी वर्तमान में एयर इंडिया के चेयरमैन और CMD हैं। फरवरी 2019 में उन्हें इस मकसद से एयर इंडिया में वापस लाया गया था कि वह डूब रही एयर इंडिया का बेड़ा पार लगाएंगे, लेकिन वह असफल रहे।
CMD बनाए जाने से पहले अश्विनी लोहानी अगस्त 2017 से सितंबर 2017 के बीच एयर इंडिया के प्रमुख बनाए गए। 2007 के बाद वित्त वर्ष 2017 में पहली बार उनके नेतृत्व में एयरलाइन 105 करोड़ रुपये फायदे में रही। जानकारी के लिए बता दें कि 2007 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का मर्जर किया गया था। उसके बाद से महाराजा लगातार घाटे में चल रही थी।