अफगानिस्तान की सत्ता पर आतंकी संगठन Taliban के कब्जे के बाद भयभीत आल गर्ल अफगान रोबोटिक्स टीम की 5 सदस्य और सौ से ज्यादा मीडिया कर्मी मेक्सिको पहुंचे हैं। मेक्सिको सिटी के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मंगलवार की देर रात एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उप विदेश मंत्री मार्था डेलगाडो ने रोबोटिक्स टीम की सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया। रोबोटिक्स टीम में हर उम्र की महिलाएं शामिल हैं और सबसे छोटी लड़की की उम्र 14 साल है। यह टीम अपने रोबोट्स के लिए अंतरराष्ट्रीय अवार्ड जीत चुकी है।
तालिबान ने लड़कियों की पढ़ाई और काम करने पर रोक लगा दी
युद्धग्रस्त Afghanistan में जब कोरोना वायरस पांव पसारने लगा था, तब इन्होंने कम लागत वाले वेंटीलेटर पर काम शुरू किया था। टीम की अन्य सदस्य हाल ही में कतर पहुंची हैं। तालिबान इससे पहले जब Afghanistan की सत्ता में था, तब उसने लड़कियों की पढ़ाई और काम करने पर रोक लगा दी थी। मेक्सिको ने अफगानिस्तानी महिलाओं और लड़कियों की मदद का एलान किया है। दूसरी तरफ, काबुल से 124 विदेशी मीडिया कर्मी भी बुधवार की सुबह मेक्सिको पहुंचे हैं। बता दें कि Afghanistan व मेक्सिको दोनों पत्रकारों के लिए खतरनाक देश माने जाते हैं।
अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाली गईं महिला फुटबाल खिलाड़ी
इससे पहले Taliban की शर्तों को मानने के बजाय Afghanistan की महिला राष्ट्रीय फुटबाल टीम की खिलाड़ियों ने फिलहाल देश को अलविदा कहना उचित समझा। आस्ट्रेलियाई सरकार ने उनकी ‘आजादी’ सुनिश्चित करते हुए मंगलवार को 75 लोगों के समूह के साथ उन्हें युद्धग्रस्त Afghanistan के काबुल से विशेष उड़ान के जरिये बाहर निकाला। यह आजाद खयालों की महिला फुटबाल खिलाड़ियों की बड़ी जीत मानी जा रही है। फुटबाल खिलाडि़यों के वैश्विक संघ फिफप्रो ने खिलाड़ियों, टीम अधिकारियों व उनके परिवार के सदस्यों को निकालने में मदद के लिए आस्ट्रेलियाई सरकार को धन्यवाद दिया है। Afghanistan से और अधिक लोगों को निकालने का काम जारी है।
संघ ने बयान में कहा, ‘ये युवा महिलाएं (खिलाड़ी व कार्यकर्ता दोनों रूप में) खतरे में थीं। इनकी मदद को आगे आने के लिए हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद देते हैं।’ Afghanistan की महिला फुटबाल टीम का गठन वर्ष 2007 में किया गया था। तालिबान के शासनकाल में महिलाओं को खेलने की इजाजत नहीं थी। महिला खिलाडि़यों को इस महीने इंटरनेट मीडिया पोस्ट और टीम के साथ उनकी तस्वीरें हटाने की सलाह दी गई थी, ताकि अफगानिस्तानी सरकार के गिरने के बाद वह प्रतिशोध का शिकार न बनें।