जहां पर हर दिन कोरोना वायरस से जुड़े मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी मरीज हैं जो इस गंभीर संक्रामक बीमारी से ठीक भी हुए हैं। लेकिन अगर कोई इंसान उस उम्र के उस पड़ाव में ठीक हो जाए जिस उम्र में लोग मौत के मुँह में चले जाते हैं तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं। खास कर उस बीमारी से जिसका अभी तक कोई दवाई नहीं बन पाई है।
और कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से अगर कोई बचता है तो ये किसी चमत्कार से काम नहीं। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है केरल से जहां 93 साल के बुजुर्ग व्यक्ति इस संक्रामक बीमारी को मात देकर कल कोट्टायाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। डिस्चार्ज होने के बाद वहां के डॉक्टर्स ने उन्हें ताली बजा कर विदाई दी। इस दौरान वे अपने आंसू भी नहीं रोक पाए।
थॉमस (91) और उनकी पत्नी मरियम्मा (88) का इलाज कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में हो रहा था। वे दोनों पहले से ही उम्र संबंधी कई बीमारियों से जूझ रहे थे। इलाज के दौरान ही थॉमस को एक बार हार्ट अटैक भी आया, उन्हें सांस लेने में भी काफी तकलीफ रही। मरियम्मा को भी यूरिनरी इंफेक्शन के साथ-साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो गया। जो नर्स उनका ध्यान रख रही थी वो भी कोरोना पॉजिटिव निकली।
पिछले दिन जब दोनों की रिपोर्ट नेगटिव आई तो बोर्ड ने दोनों को डिस्चार्ज कर दिया। दंपति के साथ उनके बहु और बेटे बेटे पोता भी डिस्चार्ज हुए, जब उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई तो अस्पताल प्रशासन ने उनलोगों को जल्द डिस्चार्ज करने का दिन नियुक्त किया, टाकली उनलोगों को और किसी तरह का इन्फेक्शन का खतरा न हो।
बुजुर्ग दंपति का बेटा और उसका परिवार इटली से लौट 29 फरवरी से निकला था, 5 मार्च को उसका परिवार अस्पताल में भर्ती हुआ, उनका इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि इलाज के पाँच दिन बेहद कठिन रहे। बुजुर्ग दंपती को डायबिटीज के साथ-साथ हाइपरटेंशन भी था। थॉमस को सीने में दर्द उठा और कार्डिऐक शिकायत हुई। शुरुआत में दोनों को अलग अलग कमरे में रखा गया लेकिन इससे दोनों परेशान हो गए। बाद में फिर उन दोनों को ट्रांसप्लांट आयसीयू में रखा गया जहां पर वो एक दूसरे को देख सकते थे।
थॉमस की हालत अच्छी नहीं थी, दिन प्रतिदिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। उन्हें खांसी की काफी दिक्कत हुई जिस वजह से उनका ऑक्सिजन लेवल भी कम हो रहा था। आखिर कार उन्हें वेंटिलेटर में रखना पड़ा। इस बीच उन्हें हार्ट अटैक भी आया। वहां उनकी पत्नी को यूरिनरी इंफेक्शन हो गया। लंबे समय से दोनों का इलाज होने के कारण डॉक्टरों और स्टाफ का उनलोगों से लगाव हो गया था।