फाइनैंशल इयर की आखिरी तिमाही में टैक्स सेविंग्स इन्वेस्टमेंट्स और इंश्योरेंस पॉलिसियां खरीदने की होड़ मच जाती है। यदि आपने सावधानीपूर्वक अपनी टैक्स सेविंग ऐक्टिविटीज की प्लैनिंग कर रखी है और यदि आपको अब आखिरी समय में इस तरह की भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है तो यह आर्टिकल आपके लिए नहीं है लेकिन यदि आप अपनी टैक्स सेविंग के मामले में धीमे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। आखिरी वक्त में टैक्स बचाने का उपाय करने से पहले आपको एक बहुत ही जरूरी चीज का ख्याल रखना होगा: उन टैक्स सेविंग्स का जायजा लें जो आप इस साल के दौरान पहले ही कर चुके हैं।
फाइनैंशल इयर 2019-20 से हर सैलरीड टैक्सपेयर, सेक्शन 17(2)(viii) के तहत 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन पाने के योग्य है। इसका मतलब है कि डिडक्शन से पहले आपकी इनकम एक साल में 550,000 रुपये तक जा सकती है और आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन से इस बात का भी पता चलता है कि आपको टैक्स सेवर्स में और कितना इन्वेस्ट करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए यदि आपका टोटल इनकम 570,000 रुपये था तो आप स्टैंडर्ड डिडक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं और 20,000 रुपये का टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट या इंश्योरेंस खरीद सकते हैं और इस तरह आपका टैक्सेबल इनकम घटकर 500,000 रुपये हो जाएगा जिससे आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
यदि आपने होम लोन लिया है तो सिर्फ अपनी EMI देकर आपने पहले ही काफी अच्छी टैक्स सेविंग्स कर ली है। आपके होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट (EMI या प्रीपेमेंट दोनों) पर आपको सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। यदि सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स सेविंग में कोई कसर रह गई है तो आप अपने होम लोन का प्रीपेमेंट करके उस कमी को पूरा कर सकते हैं। होम लोन पर दिए गए इंटरेस्ट के लिए आपको सेक्शन 24b के तहत भी 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। इसके अलावा, आपकी योग्यता के आधार पर, आप सेक्शन 80EE या 80EEA के तहत भी अपने होम लोन पर दिए गए इंटरेस्ट के लिए डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं।
सबको अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक सूटेबल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना चाहिए। किसी को हेल्थ कवरेज न लेने की सलाह नहीं देनी चाहिए लेकिन यदि आप एक अच्छे कारण के लिए हेल्थ इंश्योरेंस नहीं खरीद रहे थे तब भी आप सेक्शन 80D के तहत प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप के खर्च के लिए 5,000 रुपये और अपने डिपेंडेंट, सीनियर सिटीजन माता-पिता के हेल्थ केयर सम्बन्धी खर्च के लिए 50,000 रुपये तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं जिनके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है।
80C के तहत मिलने वाले अन्य टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के अलावा दो बच्चों की स्कूल ट्यूशन फीस के लिए भी टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम किया जा सकता है। इसमें सिर्फ स्कूल ट्यूशन फीस पर ही टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिलता है, न कि डोनेशन, डिवेलपमेंट फीस, इत्यादि पर। इस डिडक्शन की वजह से आपका टैक्सेबल इनकम कम हो जाएगा, ख़ासतौर पर शहरी क्षेत्रों में जहां स्कूल की ट्यूशन फीस काफी अधिक होती है।
सेक्शन 80C के तहत आपके एम्प्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड कॉन्ट्रिब्यूशन पर भी टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। आपने भी अपने एम्प्लॉयर के माध्यम से इस स्कीम में कुछ इन्वेस्टमेंट किया होगा। इसलिए आपकी टैक्स सेविंग्स की जरूरत आपके द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट्स के कारण उस हद तक कम हो गई होगी।
सेक्शन 80G के तहत योग्य चैरिटेबल संस्थानों को दिए गए डोनेशन पर टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिलता है लेकिन इस पर कुछ प्रतिबन्ध होते हैं। आपके डोनेशन पर आपको 50% या 100% डिडक्शन भी मिल सकता है या आपकी ग्रॉस अजस्टेड टोटल इनकम के 10% तक 50% या 100% डिडक्शन मिल सकता है। डिडक्शन के लिए क्लेम करने के लिए चैरिटेबल संस्थान से डोनेशन की रसीद लेना न भूलें।
अंत में, यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं तो आपको दिए गए किराए के लिए भी टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिल सकता है। आप इनमें से जो सबसे कम होगा उसके लिए डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं: मिला हुआ टोटल हाउस रेंट अलाउंस, दिया गया किराया घटाव बेसिक सैलरी का 10% और महंगाई भत्ता, नॉन-मेट्रो शहरों में आपकी बेसिक सैलरी का 40%, या मेट्रो शहरों में 50% अमाउंट। अपने मकान मालिक से किराए की रसीद लेना न भूलें।
इसके अलावा कुछ और डिडक्शन बेनिफिट भी हो सकते हैं और आप कई तरह के टैक्स अलाउंस पाने के योग्य हो सकते हैं, और इनकी लिस्ट काफी लम्बी है। इसलिए अपने लिए उपलब्ध तरह-तरह के छूट के बारे में जानना और अपनी कड़ी मेहनत से कमाए गए पैसे को बचाने के लिए उनका भरपूर इस्तेमाल करना न भूलें।