असम में बाढ़ का कहर जारी है। यहां अभी तक 30 जिलों में इससे 56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 22 मई के बाद से राज्य में बाढ़ से अब तक कुल 56 लाख 89 हजार 584 लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं 109 लोगों की मौत हो गई है।
इस बीच, राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए 621 राहत शिविर केंद्र स्थापित किए हैं। राज्य आपदा राहत बल, राष्ट्रीय आपदा राहत बल, सर्कल कार्यालय समेत अन्य विभाग बचाव कार्य में लगे हुए हैं। अब तक 81,678 लोगों को बाढ़ प्रभावित राज्यों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा चुका है। 2 लाख 62 हजार 723 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है। हाल ही में, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था।
राज्य में बाढ़ से गोलपारा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां इससे 3 लाख 40 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा मोरीगांव में 173,364, बोंगईगांव में 115,864, बारपेटा में 61,236, गोलाघाट में 41,857, धुबरी में 38,448 और पूर्वी जिले लखीमपुर में 58,891 लोग प्रभावित हुए हैं। वन अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ के कारण कम से कम 145 जंगली जानवरों की मौत हो गई है और 170 को बचा लिया गया है। बारपेटा, माजुली, उदलगुरी, बोंगईगांव, कोकराझार, सोनितपुर, चिरांग, लखीमपुर, गोलाघाट और मोरीगांव जिलों में विभिन्न स्थानों पर सड़क और पुल समेत अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचा है।