जम्मू कश्मीर में विकास को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के मकसद से प्रदेश में पंचायतो के उपचुनाव होंगे। कुल 8 चरणों में होने वाले इन चुनावो में मतदाता 1011 सरपंचो और 11639 पंचो का चुनाव करेंगे। इस घोषणा के साथ ही आज से चुनाव आचार सहिता लागू हो गई है। 2018 में जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव करवाए गए थे जिन्हें गैर राजनीतिक आधार पर करवाया गया था लेकिन, आगामी चुनावो को निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक आधार पर करवाने का फैसला लिया है। निर्वाचन आयोग ने जम्मू कश्मीर में इन चुनावो को 8 चरणों में करवाने का फैसला किया है।
जम्मू में यह चुनाव 4 चरणों में होंगे वहीं कश्मीर घाटी में 8 चरणों में चुनाव को संपन्न किया जाएगा। यह चुनाव 5 मार्च, 7 मार्च, 9 मार्च, 12 मार्च, 14 मार्च, 16 मार्च, 18 मार्च और 20 मार्च को होंगे और इनके नतीजे उसी दिन घोषित किये जायेंगे जिस दिन उस चरण का चुनाव संपन्न होगा।
जम्मू कश्मीर में नवंबर-दिसंबर 2018 को हुए पंचायत चुनावों में 33592 पंचो और 4290 सरपंचो का चुनाव होना था लेकिन इन चुनावो में 22214 पंच और 3459 सरपंच की चुने गए। इसके साथ ही कुछ पंच सरपंचो की मृत्यु और उनके द्वारा दिए गए इस्तीफ़ो से भी पंच-सरपंचो के कुछ पद रिक्त हो गए थे। इसके बाद अक्टूबर 2019 में इन्ही पंचो और सरपंचो में से 307 को ब्लॉक डेवलपमेंट कमिटी का चेयरमैन चुना गया जिसके कारण रिक्त पड़े पदों की संख्या और बढ़ गयी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव 2018 में करवाए गए थे और इसके बाद 6 महीनो में ही खाली पड़े सरपंच और पंचो की सीटों पर चुनाव करवाए जाने चाहिये थे। उन्होंने कहा कि इन चुनावो को देरी से इसलिए करवाया गया क्योंकि 2018 में पंचायती चुनावो के बाद लोकसभा के चुनाव आ गए। इसके बाद जम्मू कश्मीर में बीडीसी के चुनाव करवाए गए और उसके बाद मौसम ख़राब होने के चलते इन चुनावो को करवाने में देरी हुई है। निर्वाचन आयोग के अनुसार इन चुनावो में उमीदवारो की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गए है। सभी उमीदवारो की सुरक्षा का जायज़ा लिया जाएगा और इसके बाद उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी।