झारखंड से अच्छी खबर, अबतक नहीं मिला कोरोना मरीज

अब तक Coronavirus से झारखंड सुरक्षित है। ऐसे में पूरे देश की नजर इस वन प्रदेश पर टिकी है। कहा जा रहा है कि लगभग पूरा भारत CORONA की चपेट मे हैं लेकिन प्राकृतिक संसाधनों से भरे-पूरे इस राज्‍य में अब तक एक भी केस पॉजिटीव नहीं मिला। लोग-बाग इसकी वजह जानने में जुटे हैं। डॉक्‍टर से लेकर वैज्ञानिकों तक इसकी पड़ताल भी की जा रही है। माना जा रहा है कि झारखंड मलेरिया जोन रहा है, ऐसे में यहां के लोगों के शरीर में CORONA से लड़ने का रेजिस्‍टेंस डेवपल हो गया हो। क्‍योंकि CORONA की अभी जो दवाई दी जा रही वह मलेरिया में भी दी जाती है। इधर आंकड़ों की बात करें तो CORONA के पॉजीटिव केस नहीं मिलने के पीछे बड़ा कारण यह है कि राज्‍य में CORONA संदिग्‍धों की जांच काफी कम हुई हैं। जबकि दूसरे राज्‍यों महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, केरल, तेलंगना आदि के मुकाबले झारखंड से विदेशों में आवाजाही कम है। इस बीच और राज्‍यों के मुकाबले झारखंड सरकार ने बिना केस मिले और बिना देर किए सही समय पर पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर दिया।

झारखंड में अबतक कुल 274 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच हुई है, जिनमें 266 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शेष 8 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी बढऩे के बाद अब जांच किये जाने वाले सैैंपलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सर्विलांस टीम के अनुसार मंगलवार को और भी ज्यादा संख्या में कोरोना जांच के सैैंपल आ सकते हैैं। RIMS में CORONA की सैंपल की संख्या लगातार बढ़ रही है। रांची समेत राज्य के दूसरे जिलों से भी सैंपल लेकर रिम्स जांच के लिए आ रहे हैं। सभी की जांच कर 6 से 8 घंटे के भीतर रिपोर्ट जारी कर दी जा रही है।

RIMS में Coronavirus की जांच के लिए लगने वाले किट की कमी के कारण ट्रेवल हिस्ट्री होने के बावजूद कई संदिग्धों की स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारंटाइन में भेज दिया जाता था। अब लोगों को इस समस्या से निजात मिलेगी। दूसरे राज्य या विदेश से आने वाले सभी की नियमित जांच हो सकेगी। मंगलवार को RIMS में 3000 जांच किट पहुंच जाएगा। RIMS से एंबुलेंस समेत एक टीम को किट लाने के लिए वाराणसी रवाना किया गया है। रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने बताया कि वर्तमान में रिम्स के पास काफी कम किट थे। अब 3000 किट होने पर अधिक जरूरतमंदों की जांच की जा सकेगी। पहले जांच के बाद NIV पुणे या NICED कोलकाता से पुष्टि करानी पड़ती थी, लेकिन अब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद रिम्स ही पुष्टि कर सकेगा। एक लॉट में अधिकतम 45 सैंपलों की जांच हो सकेगी।

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