रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन ने ओडिशा के चांदीपुर रेंज में आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जमीनी संस्करण परिक्षण किया जो सफल रहा यहएक ऐसी विशेष क्रूज मिसाइल है जिसे थल, जल और हवा से दागा जा सकेगा । इसकी मारक क्षमता सटीक है । वर्तमान में चीन और पाकिस्तान के पास अभी तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज जैसी मिसाइल नहीं है जिसे जमीन, समुद्र और आसमान तीनों जगहों से इस्तेमाल किया जा सके । वर्तमान स्तिथि में भारत और रूस इस मिसाइल की मारक दूरी को बढ़ने के साथ इसे हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने पर भी कार्यरत है ।
आगामी दिनों में भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की रेंज को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 600 किलोमीटर करने की ओर काम करेगे । न केवल पूरा पाकिस्तान इस मिसाइल की जद में होगा बल्कि कोई भी टारगेट पलभर में इस मिसाइल से तेहस नहस किया जा सकेगा। ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, स्पेशल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, लड़ाकू विमान से या धरती से दागा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइलदिन और रात दोनों स्तिथि में काम कर सकता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता अचूक और अतुल्य है।
रैमजेट इंजन की सहायता से मिसाइल की क्षमता में तीन गुना तक वृद्धि जा सकती है। अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक है तो उसे रैमजेट इंजन की मदद से 320 किमी तक बढाया जा सकता है। एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) साथ में इसका विकास किया है।