जैनियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ पर्वत स्थित जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मंदिर में रविवार रात्रि लगभग 12 बजे वज्रपात हो गया। इस घटना में किसी के हताहत होने व क्षति की खबर नहीं है। रात होने के कारण मंदिर परिसर में कोई नहीं था। वज्रपात से केवल मंदिर के दीवारों में हल्की दरार आ गई है। साथ ही साथ मंदिर के मुख्य द्वार के ऊपर लगे पत्थर टूट कर फर्श पर गिर गए है। मंदिर के शिखर पर लगा ध्वजदंड भी टूट कर गिर गया।
तड़के ही कर्मचारियों ने मधुबन संस्था में फोन कर जानकारी दी। लगभग दस दिन पहले सुविधिनाथ टोंक में भी वज्रपात हुआ था जिससे आंशिक रूप से दरार आ गई थी। वहीं लगभग एक साल पूर्व पर्वत स्थित आदिनाथ टोंक पर वज्रपात होने से पूरी तरह टोंक क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां तक आदिनाथ स्वामी का चरण चिन्ह भी खंडित हो गया था। बताया जाता है कि पर्वत स्थित टोंकों व मंदिरों में तड़ित चालक भी लगाया गया है बावजूद वज्रपात से क्षति हो जाती है।