ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के बाद अब सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या में पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने न बनाने पर फैसला लिए जायेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड की आखिरी बैठक 26 नवंबर को होगी। जिसमे 5 एकड़ जमीन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड बाबरी मस्जिद के बदले में सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनाएगा।
सूत्रों के अनुसार तो 5 एकड़ जमीन का प्रस्ताव ठुकराने की बाद अब उस जमीन पर हॉस्पिटल या एजुकेशन इंस्टीट्यूट बनाने को लेकर मिल रहे सुझावों पर विकल्प के तौर पर विचार किया जाएगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अलावा असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना महमूद मदनी ने भी 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने को शरीयत के खिलाफ बताया था।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 17 नवंबर की बैठक में 5 एकड़ जमीन को शरीयत के खिलाफ बताया था। वहीं बोर्ड ने 30 दिनों के भीतर अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को चुनौती देनी की बात भी कही थी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने बोर्ड की बैठक के बाद कहा था, ‘‘मस्जिद अल्लाह की है और शरिया के तहत इसे किसी और को नहीं दिया जा सकता।’’ उन्होंने कहा ‘‘बोर्ड ने साफ कहा है कि वह मस्जिद की जगह अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने के खिलाफ है। बोर्ड की राय है कि मस्जिद का कोई विकल्प नहीं हो सकता।’’
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में अपने फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम लला को सौंपी जानी चाहिए, जो तीन वादियों में से एक हैं। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र सरकार को यह निर्देश भी दिया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दे दिया जाए।