पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद से दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष की खाली पड़ी कुर्सी पर कीर्ति आज़ाद को मौका दिया गया हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष की रेस में अरविंदर सिंह लवली, जेपी अग्रवाल, अजय माकन, देवेंद्र यादव, सुभाष चोपड़ा, राजेश लिलोठिया और संदीप दीक्षित नाम भी शामिल था। कीर्ति आजाद को यह जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव से पहले दी गई है। इससे पहले यह अटकलें लग रही थी कि दिल्ली कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को रोकने के लिए पार्टी प्रदेश के बाहर से किसी नेता को यह जिम्मेदारी सौंप सकती है। वैसे कीर्ति आजाद का दिल्ली से भी नाता रहा है लेकिन वे बिहार से ताल्लुक रखते हैं। कीर्ति आजाद के पिता बिहार में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। वे बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
शुक्रवार शाम दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने एक नोट तैयार करके पार्टी आलाकमान के पास साइन करने के लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के पास भेज दिया। बताया जा रहा है कि पीसी चाको के नोट में सिर्फ दो नाम थे। सबसे पहले कीर्ति आजाद और दूसरे नंबर पर सुभाष चोपड़ा का नाम था, लेकिन सोनिया गांधी ने कीर्ति आजाद के नाम पर मुहर लगाई।
जानकारी के मुताबिक, नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सोनिया गांधी ने करीब 50 नेताओं से चर्चा की थी। नाम फाइनल होने के बाद शुक्रवार शाम को यह घोषणा की गई। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी से चर्चा के बाद कीर्ति आजाद के नाम की घोषणा हुई है।