प्रतिनिधि कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उपजे ताजा विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री Digvijaya Singh ने कहा है कि कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जो पत्र लिखा वह ठीक नहीं है। इनमें से 5 नेता कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। वे सीधे ही चर्चा कर सकते थे। इसका प्राविधान कांग्रेस की कार्यसमिति के संविधान में है लेकिन पत्र लिखकर उसे मीडिया को लीक करना गलत है। Digvijaya Singh मंगलवार को यहां संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे।
Digvijaya Singh ने कहा कि वे कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने वह पत्र भी नहीं देखा है। कांग्रेस कार्यसमिति ने अध्यक्ष के लिए निर्णय कर लिया है और अगले छह माह में पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। Corona काल में नीट एवं जेईई की परीक्षा लिए जाने के निर्णय पर पूछे गए सवाल के जवाब में Digvijaya Singh ने कहा कि अभी Corona फैला हुआ है। हमारे देश में Corona जांच की सुविधा भी कम है। ऐसे समय ये परीक्षाएं नहीं होनी चाहिए। वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।
मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में Congress की स्थिति के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि BJP से लोकतंत्र को बचाना है यही हमारा अभियान है। BJP विधायकों की खरीद फरोख्त करके सरकार को अस्थिर करती है। जनता कब तक अस्थिरता बर्दाश्त करेगी। BJP के सदस्यता अभियान पर दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि यह BJP का मिस्डकॉल अभियान है। मध्य प्रदेश में सांसद एवं विधायकों को सहकारी संस्थानों में प्रशासक नियुक्त करने का अध्यादेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फायदे के लिए है।
Digvijaya Singh ने कहा कि Madhya pradesh में शिवराज सिंह चौहान ने जिन विधायकों को खरीदा था उनमें से वह सभी को मंत्री नहीं बना सकते इसलिए उन्हें समायोजित करने के लिए वे यह अध्यादेश लेकर आए हैं। Digvijaya Singh ने बीते दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग आगामी चुनावों में पार्टी को धोखा देने वालों को सबक सिखाएंगे। मालूम हो कि राज्य में जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर BJP और Congress के बीच अभी से सियासी बयानबाजियों का सिलसिला शुरू हो गया है।