नवरात्रि की देवी कालरात्रि मां दुर्गा का सप्तम रूप है। यह मां दुर्गा की सातवीं शक्ति हैं, जिसका पूजन नवरात्रि के सातवें दिन किया जाता है। जिन्हें कालरात्रि के नाम से सर्वत्र जाना जाता है। उनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। भले ही इनका रूप भयंकर है, लेकिन ये सदैव शुभ फल देने वाली माता हैं। अत: इस कालरात्रि की आराधना प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को करना चाहिए।
पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
मां को रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
मां की आरती करें और दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
पूजा के लिए मंत्र
ॐ कालरात्रि देव्ये नमः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
मां का प्रिय भोग
मां कालरात्रि को गुड़ और चने का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
मां को शहद का भोग भी अर्पित किया जा सकता है।
गुड़ और चने का भोग लगाने से शोक और कष्ट दूर होते हैं
जानें प्रिय रंग
मां कालरात्रि का शुभ रंग नीला या ग्रे है।
मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करना भी शुभ माना जाता है
मां कालरात्रि की पूजा से लाभ
मां कालरात्रि की पूजा से भक्तों को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
मां कालरात्रि भक्तों की काल से रक्षा करती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
मां की पूजा से भूत, प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।