कोरोना से बचाव की वैक्सीन के वितरण के लिए बने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन गावी ने कहा है कि भारत को रियायती कीमत पर करीब 25 करोड़ Vaccine खुराक मिलेंगी। इस सिलसिले में भारत को आवश्यक तकनीक बंदोबस्त और कोल्ड चेन बनाने के लिए 3 करोड़ डॉलर (करीब 220 करोड़ रुपये) देने होंगे। इस बाबत फैसला बीते दिसंबर महीने में कोवैक्स बोर्ड द्वारा लिया जा चुका है।
दुनिया पर Covid के खतरे को देखते हुए 2020 में गरीब और मध्यम आय वाले देशों को Vaccine उपलब्ध कराने के लिए ग्लोबल अलायंस फॉर Vaccine एंड इम्युनाइजेशन (गावी) का गठन हुआ था। इसमें सरकार और निजी क्षेत्र, दोनों की भागीदारी है।
गावी के प्रवक्ता ने कहा है कि मौजूदा मुश्किल दौर में गठबंधन भारत को पूरी मदद के लिए तैयार है। कोवैक्स बोर्ड के फैसले के अनुसार भारत को कुल उपलब्ध Vaccine की मात्रा में से 20 प्रतिशत दी जाएंगी। खुराकों के लिहाज से यह संख्या 19 करोड़ से 25 करोड़ के बीच बनेगी। प्रवक्ता ने कहा है कि भारत दुनिया का प्रमुख Vaccine उत्पादक और आपूर्तिकर्ता देश है, लेकिन इस समय भीषण Corona संक्रमण की स्थिति में उसकी आपूर्ति व्यवस्था मुश्किल में फंसी हुई है।
कोवैक्स की वर्ष की दूसरी तिमाही की वैक्सीन आपूर्ति भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के भरोसे है, लेकिन इस समय वह खुद भारत की जरूरतों को पूरा करने में लगी हुई है। इससे बाकी दुनिया के लिए Vaccine की मात्रा में कमी हो सकती है। इस कमी को पूरा करने के लिए कोवैक्स अमीर देशों से Vaccine का दान मांग सकती है। गावी ने अमेरिकी सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया है कि वह Corona से बचाव की Vaccine उपलब्ध कराने के लिए हर संभव मदद देगी।
भारत पर आए Corona संक्रमण के संकट के मद्देनजर अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के डॉक्टरों ने बाइडन प्रशासन से तीन करोड़ एस्ट्राजेनेका Vaccine खुराकों को अविलंब भारत को देने का अनुरोध किया है। ये वे Vaccine खुराक हैं जिन्हें अमेरिकी सरकार ने खरीद लिया था, लेकिन बाद में अमेरिकी कंपनियों की Vaccine की पर्याप्त आपूर्ति के चलते इस्तेमाल नहीं किया। भारतीय डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडियन ऑरिजिन ने अमेरिका के सभी 100 सीनेटरों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे भारत की सहायता बढ़ाने के लिए प्रयास करें। संस्था ने अमेरिकी राष्ट्रपति से भी भारत की हर संभव मदद का अनुरोध किया है।

