केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ की योजना को आगे बढ़ाते हुए इसका फ़ॉर्मेट तैयार कर लिया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि नया राशन कार्ड जारी करते हुए वे इसी फॉर्मेंट को अपनाएं। ऐसे में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि जून 2020 से देशभर में लागू कर दी जाएगी। सरकार की महत्वाकांक्षी ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (One Nation, One Ration Card) योजना के तहत एक जगह से दूसरी जगह जाने पर कार्ड के लाभ के लिए नए राशन कार्ड की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस पहल को अभी प्रायोगिक आधार पर लागू किया जा रहा है। क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ इसे अंतरराज्यीय के साथ-साथ राज्य स्तरीय पोर्टेबिलिटी की कोशिश की जा रही है। सरकार इस योजना को १ जून 2020 तक पूरे भारत में लागू कर दी जाएगी। इस पहल के तहत पात्र लाभार्थी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत देश के किसी भी उचित मूल्य की दुकान से एक ही राशन कार्ड का उपयोग करके अपने हिस्से का राशन प्राप्त कर सकते हैं।
पहल के कार्यान्वयन की समीक्षा करने वाले पासवान ने कहा, नये राशन कार्ड की खबरें झूठी हैं। कोई नया राशन कार्ड आवश्यकता नहीं है। मौजूदा कार्ड पूरे भारत में मान्य होगा।’ उन्होंने कहा कि लाभार्थी अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (EPoS) मशीनों पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा कर सकते हैं।
रामविलास पासवान ने कहा कि राज्य स्तरीय पोर्टेबिलिटी 12 राज्यों में पूरी तरह और 4 राज्यों में आंशिक रूप से चालू है। 8 राज्य आपस में एक दूसरे के यहां जारी कार्ड को स्वीकार करने लगे हैं। आठ राज्यों में दो-दो सटे राज्यों के बीच कार्ड की पोर्टबिलिटी शुरू हो चुकी है। इनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान तथा कर्नाटक और केरल शामिल हैं। मध्यप्रदेश , गोवा, झारखंड और त्रिपुरा भी 1 जनवरी से इसमें जुड़ कर एक बन जाएंगे।
