US Parents Fear Vaccine Side Effects: सभी बच्चों को 5-6 साल की उम्र तक समय-समय पर कई वैक्सीन लगाई जाती हैं, ताकि उन्हें गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो सके. भारत में बच्चों की वैक्सीनेशन को लेकर नेशनल लेवल पर टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो वैक्सीनेशन से बच्चों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप होती है, जिससे कई बीमारियों से बचाव होता है. अधिकतर गरीब देशों में भी वैक्सीनेशन का विशेष महत्व माना जाता है, लेकिन एक हालिया सर्वे में अमेरिका को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है. वाशिंगटन पोस्ट और KFF के एक हालिया सर्वे में खुलासा हुआ है कि अमेरिका के 16% पैरेंट्स अपने बच्चों को रूटीन वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. अब सवाल है कि आखिर अमेरिकी पैरेंट्स ऐसा क्यों कर रहे हैं?
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर 6 में से 1 माता-पिता अपने बच्चे का रूटीन चाइल्डहुड वैक्सीनेशन नहीं करवा रहे हैं. इन वैक्सीन में MMR यानी मीजल्स, मम्प्स, रुबैला और पोलियो शामिल हैं. अमेरिका में बड़ी संख्या में माता-पिता उन वैक्सीन्स से पीछे हट रहे हैं, जो सालों से बच्चों को गंभीर संक्रमणों से बचाने में मदद करती आई हैं. सर्वे की मानें तो बच्चों को वैक्सीन न लगवाने वाले अधिकतर पैरेंट्स को वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की चिंता है. अधिकतर माता पिता ने यह बताया कि उन्हें वैक्सीन सेफ्टी को लेकर स्वास्थ्य एजेंसियों पर पूरा भरोसा नहीं है. उन्हें चिंता है कि वैक्सीन लगने से लॉन्ग टर्म में गंभीर साइड इफेक्ट हो सकता है. जबकि कुछ पैरेंट्स के मन में वैक्सीन को लेकर झिझक है.
तमाम पैरेंट्स के मन में वैक्सीनेशन को लेकर सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और अन्य सरकारी संस्थाओं में भरोसा कम हो गया है. सर्वे में लगभग आधे माता पिता ने कहा कि उन्हें इन एजेंसियों की सिफारिशों पर पूर्ण भरोसा नहीं है. इसके साथ-साथ सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत या अधूरी जानकारी भी वैक्सीनेशन को लेकर संदेह को बढ़ाती है. कुछ माता पिता यह कहते हैं कि उनका बच्चा बहुत सारी वैक्सीन एक साथ नहीं लेना चाहता या एक एक करके टीका देना बेहतर है. कुछ का यह मानना है कि बच्चे स्वस्थ तरीकों से भी बीमारियों से बच सकते हैं. इसके अलावा कुछ माता पिता ने बताया कि डॉक्टर ने टीका लगाने की सिफारिश नहीं की या इस बारे में चर्चा ही नहीं हुई.
सर्वे में ये भी देखा गया कि यह प्रवृत्ति कुछ विशेष समूहों में अधिक है. जैसे कि धार्मिक विश्वासों वाले लोग, घरेलू शिक्षा देने वाले माता पिता, युवा माता पिता, रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े लोग और कुछ खास क्षेत्रों में रहने वाले लोग. इन समूहों के बीच वैक्सीनेशन के प्रति झिझक ज्यादा पाई गई है. रिपोर्ट में यह पता चला है कि कई माता पिता जो टीके नहीं लगवाते, वे यह नहीं कहते कि उन्होंने इसलिए नहीं लगवाए क्योंकि उन्हें सुविधा नहीं मिली या कीमत ज्यादा थी. ऐसी शिकायतें कम ही मिलती हैं.