व्यक्तिगत संबंध हमेशा बेहतर रहे हैं. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे रिश्तों को लेकर बेहद गंभीर हैं और अमेरिका के साथ मजबूत साझेदारी बनाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है. राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत समीकरण हमेशा अच्छा रहा है. जहां तक हमारी विदेश नीति की बात है, हम लगातार अमेरिका के साथ जुड़ाव बनाए हुए हैं. फिलहाल इससे अधिक मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग लगातार जारी है.”
भारत-अमेरिका रिश्तों की अहमियत
विदेश मंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत अमेरिका के साथ संबंधों को सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक सहयोग की दृष्टि से भी देखता है. रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है. विशेषकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग चीन की बढ़ती सक्रियता को संतुलित करने के लिए भी अहम माना जाता है.
ट्रंप और पीएम मोदी के बीच रहे हैं अच्छे संबंध
प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं. दोनों नेता कई बार एक-दूसरे की तारीफ कर चुके हैं. ह्यूस्टन का ‘Howdy Modi’ कार्यक्रम और अहमदाबाद का ‘Namaste Trump’ कार्यक्रम भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती के प्रतीक बने. जयशंकर के बयान से यह संकेत मिलता है कि भारत न सिर्फ ट्रंप बल्कि अमेरिकी नेतृत्व के साथ भी संबंध बनाए रखने के पक्ष में है.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ जैसे मुद्दों पर मतभेद रहे हैं. इसके अलावा वीजा नीतियों और डिफेंस डील्स में भी कई बार चुनौतियां सामने आती रही हैं. बावजूद इसके, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की अहमियत कम नहीं हुई है. विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत की विदेश नीति में अमेरिका के साथ रिश्ते को शीर्ष प्राथमिकता दी जाती है.