मौसम विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने और 26 मई को ओडिशा व बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बंगाल के 11 जिलों में अपनी टीमें तैनात कर दी हैं और मछुआरों को रविवार से समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना है। इसके 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर विक्षोभ में केंद्रित होने की आशंका है। फिर इसके उत्तर व उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है जो 24 मई तक चक्रवात में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवात का रूप ले सकता है।
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 25 और 26 मई को तूफान यास आने की आशंका जताई है. वहां एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती शुरू कर दी गई है, आज से लेकर 72 घंटों के भीतर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है चक्रवाती तूफान यास. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तूफान ताउते से प्रभावित राज्यों में बचाव और पुनर्वास के काम के लिए भेजे गए दलों को वापस बुलाया जा रहा है.
विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रकोष्ठ ने जानकारी दी कि इसके अगले 72 घंटों में धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान में बदलने की पूरी संभावना है। यह उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और 26 मई की शाम के आसपास पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस महामारी पहले से ही सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौती है जो अस्थायी शिविरों में रहने वाले विस्थापित लोगों में पैदा हो सकने वाली जल, मच्छर और हवा जनित बीमारियों के स्वास्थ्य जोखिम के कारण और जटिल हो सकती हैं.