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कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी मौजूदा टीका समान रूप से होगा कारगर

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIRर) के महानिदेशक शेखर मांडे ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस का टीका वायरस के बदले स्वरूप के खिलाफ भी उतना ही कारगर होगा और घबराने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि वायरस के नए प्रकार N501Y तुलनात्मक रूप से तेजी से फैलता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यह ज्यादा घातक है और लोगों की यह जान ले लेगा।

मांडे ने कहा, ऐसी संभावना है कि एंटीबॉडीज जैसे कुछ पहलुओं पर अंतर होगा लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि टीका निष्प्रभावी हो जाएगा। वायरस के स्वरूप में बदलाव के बावजूद टीका समान रूप से प्रभावी होगा। इसलिए घबराने का कोई कारण नहीं है। भारत ने कोरोना वायरस के 4,000 से ज्यादा जीनोम का अनुक्रमण तैयार किया है और उसे ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग आफल इनफ्लुएंजा डाटा (GISAD) को मुहैया कराए हैं।

सीएसआईआर के जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (IGIB), दिल्ली और कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (CCMB), हैदराबाद ने भारत में कोरोना वायरस के 2200 से ज्यादा जीनोम का अनुक्रमण किया है। मांडे ने कहा, भारत में अब तक यह (वायरस का बदला स्वरूप) नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस के नए प्रकार पर करीब नजर रखे हुए हैं। ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में स्वतंत्र तौर पर इसकी निगरानी की जा रही है। वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे हैं अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि RT-PCR जांच में नए स्वरूप का पता लगाया जा सकता है लेकिन यह देखने की जरूरत है कि रैपिड एंटीजन जांच में इसका पता लगता है या नहीं। उन्होंने कहा, हालांकि अभी कोई निष्कर्ष नहीं है कि RAT जांच में इसका पता नहीं लग पाएगा। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप सामने आने के मद्देनजर भारत समेत फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली समेत कुछ अन्य देशों ने ब्रिटेन से आनेजाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।

ब्रिटेन की सरकार ने चेताया है कि नए किस्म के कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है और रविवार से वहां पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने श्रेणी-4 के सख्त प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आया है, जो पूर्व के वायरस के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है और लंदन एवं दक्षिण इंग्लैंड में तेजी से संक्रमण फैला सकता है। हालांकि, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो साबित करे कि वायरस का नया प्रकार अधिक घातक है और इस पर टीका कम प्रभावी।

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