उत्तरकाशी सुरंग हादसा: मलबे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने की कोशिशें जारी, पाइप से पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन

Uttarkashi tunnel collapse : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार सुबह निर्माणाधीन सुरंग ढह गई. इस सुरंग में 40 से 45 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों को बचाने के लिए पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति की जा रही है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार तड़के ढह जाने के बाद 40 से 45 मजदूर मलबे में फंस गए. मजदूरों की जान बचाने के लिए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया अधिकारी दुर्गेश राठौड़ी ने बताया कि ‘लगभग 40 से 45 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. मलबे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.’

न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार फंसे हुए श्रमिकों को एक ट्यूब के माध्यम से ऑक्सीजन भेजा जा रहा है. साथ ही उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी सुरक्षा के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. मशीनें लगातार मलबा हटा रही हैं. बता दें कि हादसा रविवार सुबह करीब 4 बजे हुआ जब साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का 150 मीटर लंबा हिस्सा ढह गया.

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार प्रांतीय रक्षक दल (PRD) के जवान रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि ‘बहुत तेजी से काम चल रहा है. हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है. कल हम दुखी थे क्योंकि हम फंसे हुए लोगों से बात नहीं कर पा रहे थे. लेकिन फिर हम उनसे बात करने में कामयाब रहे. उत्तरकाशी के आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर जारी रहा.

लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने कहा कि ‘मलबा हटाने का काम चल रहा है. लोडर और एक्सकेवेटर से गंदगी का काम किया जा रहा है. सुरंग का लगभग 30-35 मीटर हिस्सा टूट गया है. घटना सुबह करीब 5:30 बजे की है. हमें करीब 40 से 45 लोगों के फंसे होने की जानकारी है. हर कोई सुरक्षित है.

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, अग्निशमन विभाग की टीमों और राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के कर्मचारियों को बचाव कार्यों में लगाया गया है. SDRF मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने कहा कि ‘हमारा बचाव अभियान युद्ध स्तर पर है. हमें सुबह 9.15 बजे के आसपास सूचना मिली कि उत्तरकाशी में सिल्क्यारा से डंडालगांव तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है. हमने स्थानीय चौकियों से अपनी टीमें भेजीं. न्यूज एजेंसी के अनुसार, कमांडिंग ऑफिसर नमन नरूला और सहायक कमांडेंट जाधव वैभव के नेतृत्व में सीमा सड़क संगठन और आईटीबीपी की टीमों को भी बाद में बचाव प्रयासों में सहायता के लिए शामिल किया गया.

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