परमाणु ताकत को बढ़ाने में जुटा पाकिस्तान, चीन के साथ ये देश भी कर रहे मदद; अमेरिकी रिपोर्ट में बड़ा दावा

अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान चीन की मदद से अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बना रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और बैटलफील्ड न्यूक्लियर हथियार भी विकसित कर रहा है. इसमें हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और यूएई जैसे देश भी पीछे से पाक की मदद कर रहे थे.

दुनिया के सामने अब एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक सोच बेनकाब हो गई है. अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की नई रिपोर्ट ने पाक की पोल खोल दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को लगातार आधुनिक बना रहा है. इससे भी बड़ी बात यह है कि वह अब इन्हें युद्धभूमि में इस्तेमाल करने योग्य बनाने में जुटा है. रिपोर्ट का दावा है कि पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है, और इसीलिए वह लगातार परमाणु हथियारों और सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है.

अमेरिका की इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान चीन की मदद से अपने परमाणु जखीरे को आधुनिक बना रहा है. यह न केवल पारंपरिक परमाणु हथियारों को अपग्रेड कर रहा है, बल्कि छोटे ‘बैटलफील्ड न्यूक्स’ यानी युद्धभूमि में इस्तेमाल होने वाले परमाणु हथियार भी विकसित कर रहा है. यह भारत के पारंपरिक सैन्य वर्चस्व को संतुलित करने की कोशिश का हिस्सा बताया गया है.

अमेरिकी ने खोली पाक की पोल

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान न केवल परमाणु हथियारों के निर्माण में लगा है. बल्कि उसकी सैन्य प्राथमिकताओं में भारत के साथ सीमा पर झड़पें, आतंकवाद और रणनीतिक संतुलन बनाए रखना भी शामिल है. अमेरिका का यह भी कहना है कि पाकिस्तान विदेशी आपूर्तिकर्ताओं, खासकर चीन से ‘WMD’ यानी सामूहिक विनाश के हथियारों से जुड़े उपकरण और तकनीक प्राप्त कर रहा है.

चीन ऐसे कर रहा पाक की मदद

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान चीन से जो तकनीक और उपकरण ले रहा है. वो सीधे पाकिस्तान नहीं पहुंचते, बल्कि हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के जरिए भेजे जा रहे हैं. हालांकि, पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते तनाव की ओर भी इशारा किया गया है. खासकर उन आतंकी हमलों के चलते जिनमें पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिक निशाना बने हैं.

मेक इन इंडिया पर भी रिपोर्ट

रिपोर्ट में भारत की रक्षा नीति को लेकर भी अहम बातें कही गई हैं. इसमें बताया गया है कि भारत मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन बढ़ाने, चीनी प्रभाव को संतुलित करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करने और रूस के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. हालांकि खरीद के मामले में भारत रूस पर कम निर्भर रहा है.

अमेरिका ने भी माना भारत का लोहा

अमेरिकी एजेंसी ने यह भी बताया कि भारत लगातार अपने मिसाइल सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है. हाल ही में भारत ने अग्नि-1 प्राइम और MIRV तकनीक से लैस अग्नि-V का सफल परीक्षण किया है. इसके अलावा, दूसरा परमाणु शक्ति से चलने वाला पनडुब्बी भी चालू किया गया है. यह सब संकेत देते हैं कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को न केवल आधुनिक बना रहा है, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने के लिए रणनीतिक रूप से सजग भी है.

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