उन्नाव गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई से पहले अदालत के बाहर माहौल गरमा गया. पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता और आम महिलाएं भी शामिल रहीं. पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर मौके से हटा दिया.
उन्नाव पीड़िता के समर्थन में पहुंचीं अलका लांबा
महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा भी उन्नाव पीड़िता के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें गाड़ी से उतरने तक नहीं दिया गया.
अलका लांबा ने कहा, ‘हम उन्नाव की पीड़िता के समर्थन में आए हैं, लेकिन पुलिस हमें रुकने की इजाजत नहीं दे रही है.’
‘नारी न्याय’ के बैनर के साथ सड़क पर बैठीं महिलाएं
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने ‘नारी न्याय’ लिखे बैनर और बैज पहन रखे थे. दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पुष्पा सतबीर सिंह सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करती नजर आईं. पुलिस ने उन्हें और अन्य महिला प्रदर्शनकारियों को डिटेन कर बस में बैठा दिया.
योगिता भयाना का बयान: हमें न्याय की उम्मीद
महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा कि पीड़िता इस वक्त कोर्ट में मौजूद है. उन्होंने कहा, ‘पीड़िता ठीक है और हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा. अगर पहले दिया गया फैसला सही नहीं है, तो कोर्ट उसे बदलेगा.’
सुनवाई से पहले कुलदीप सेंगर के वकील का बयान
सुनवाई से पहले दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के वकील शशि त्रिपाठी ने कहा, ‘हमें न्याय प्रणाली पर भरोसा रखना चाहिए. हमारी न्याय व्यवस्था अच्छी है.’ उन्नाव गैंगरेप केस की सुनवाई के दौरान CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्टरूम में मौजूद रहे.

