ओवैसी से मंच साझा, BJP से बात, अब अखिलेश से ओपी राजभर ने मिलाया हाथ -क्या यह गठबंधन फाइनल है ?

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सुभासपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हो गया है। दोनों पार्टियां 2022 में मिलकर चुनाव लड़ेंगी। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात के बाद गठबंधन को लेकर स्थिति को साफ कर दिया। अखिलेश यादव से बातचीत के दौरान ओपी राजभर ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के केवल चार दिन बचे हैं। उन्होंने नारा दिया कि अबकी बार, भाजपा साफ। वहीं समाजवादी पार्टी ने सुभासपा से गठबंधन करने के बाद कहा कि सपा और सुभासपा साथ आए हैं।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक ऐसी समाजवादी व्यवस्था की स्थापना करना चाहते हैं, जिसमें समाजवादी विचारों का व्यावहारिक स्वरूप हो। जिससे खुशहाल, समावेशी और भेद-भावविहीन समाज बन सके। इसी संकल्प को सद्धि करने के लिए समाजवादी पार्टी सभी को साथ लेकर निरंतर आगे बढ़ रही है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार ने गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग समेत वंचितों, शोषितों, किसानों, नौजवानों, महिलाओं, व्यापारियों के लिए अनगिनत कार्य किये। इसी कड़ी में कमजोरों के हक की आवाज को बुलंद करने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के साथ कदम से कदम मिला यूपी को विकास पथ पर ले जाने के लिए तैयार है।

उन्होंने दावा किया कि ये BJP के दमनकारी शासन के अंत की शुरुआत है। सुभासपा के संस्थापक ओमप्रकाश राजभर सदैव गरीब, किसान, मजदूर, दलित व पिछड़े वर्ग के लिए लड़ते आए हैं। सुभासपा ने हमेशा सामाजिक न्याय की बात कही है, चाहे फिर वह आबादी व आर्थिक आधार पर आरक्षण, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, प्राथमिक विद्यालय में तकनीकी शिक्षा, घरेलू बिजली बिल माफ, महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण, गरीबों को मुफ्त इलाज, कुटीर एवं लघु उद्योग से बेरोजगारों को रोजगार, प्राथमिक वद्यिालय से स्नातकोत्तर तक निशुल्क शिक्षा, बिना भेदभाव के नौकरी, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराना, निशुल्क स्वास्थ्य-शक्षिा और बिजली आदि। सूत्रों के अनुसार अरविंद राजभर (प्रमुख महासचिव, पूर्व राज्यमंत्री), अरुण कुमार राजभर (राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता), सुनील कुमार अर्कवंशी (प्रदेश अध्यक्ष), महेंद्र राजभर (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) सतीश बंजारा, गुलाब खंगार, प्रेमचंद कश्यप आदि नेता सुभासपा के साथ खड़े हैं।

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा पहले भी AAP, BJP समेत कई पार्टियों के साथ गठबंधन को लेकर कयास लगा चुकी है। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने पहले भाजपा के साथ गठबंधन की बात कही थी। इसको लेकर धर्मेंद्र प्रधान और ओम प्रकाश राजभर की एक दिन पहले इस मुद्दे पर बात भी हुई थी। जिसमें राजभर ने कुछ शर्तों के साथ 2022 में भाजपा के साथ जाने के संकेत दिए थे। सुभासपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बातचीत के क्रम में धर्मेंद्र प्रधान ने राजभर को मिलकर चुनाव लड़ने को कहा था। जिस पर राजभर ने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के साथ ही बिजली और शिक्षा जैसे पार्टी के मुद्दों को मानने की बात की थी।

सुभासपा की दूसरी पार्टी से गठबंधन को लेकर कई दिनों से चल रही कयासबाजी बुधवार को खत्म हो गई। सपा से गठबंधन होने के बाद ओपी राजभर ने इस पर विराम लगा दिया। ओपी राजभर पिछले कई दिनों से गठबंधन को लेकर कसमकस में दिखाई दे रहे थे। आम आदमी पार्टी, भाजपा समेत कई पार्टियों से गठबंधन को लेकर बातचीत कर चुके थे। किस पार्टी से गठबंधन होगा इस सवाल पर वाराणसी में हुए कार्यक्रम के दौरान ओपी राजभर ने कहा था कि 27 अक्तूबर को मऊ में होने वाली महापंचायत में इसका ऐलान किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार पर जमकर निशाना भी साधा था। उन्होंने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए एक बड़े दल से गठबंधन करने का इशारा करते हुए उपस्थित कार्यकर्ताओं की राय भी जाननी चाही थी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर उनका समर्थन किया था। उन्होंने योगी सरकार को किसान विरोधी, गरीब विरोधी बताते हुए कहा था कि लखीमपुर खीरी में निर्दोष किसानों पर गाड़ी चढ़वाने का काम किया है।

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