PM Modi speak with Zelenskyy

पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से की बात,जानिए दोनों नेताओं के बीच क्‍या हुई चर्चा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ वोटिंग प्रक्रिया में भारत के अनुपस्थित रहने के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) से टेलीफोन पर बात की। पीएम मोदी (PM Modi) ने यूक्रेन पर हमले से जान-माल को हुए नुकसान को लेकर गहरा क्षोभ प्रकट किया और हिंसा को जल्द-से-जल्द समाप्त करते हुए बातचीत से समाधान निकालने की बात कही। जेलेंस्की की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन को राजनीतिक मदद देने की मांग की है।


बातचीत शुरू करवाने में मदद की अपील

भारत सरकार की तरफ से बताया गया है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति के बारे में पीएम मोदी (PM Modi) को विस्तार से बताया। मोदी ने अपनी तरफ से शांति स्थापित करने और सभी पक्षों के बीच बातचीत शुरू करवाने में योगदान देने की पेशकश की है। पीएम मोदी (PM Modi) ने यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले अपने छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने यूक्रेन प्रशासन की मदद भी मांगी, ताकि इन छात्रों को शीघ्रता से वहां से निकाल कर स्वदेश लाया जा सके।


सुरक्षा परिषद में मदद की अपील

जेलेंस्की ने ट्विटर पर बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी से बात हुई है। मैंने रूस की तरफ से यूक्रेन पर किए घृणास्पद हमले की सूचना दी। हमारी जमीन पर एक लाख से ज्यादा आक्रमणकारी अभी मौजूद हैं। वे रिहाइशी इलाकों पर लगातार गोलाबारी कर रहे हैं। भारत से हमने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन को राजनीतिक मदद देने की अपील की है। हमें साथ मिलकर इस आक्रमण को रोकना होगा।


यूक्रेन के राष्ट्रपति से पहली बातचीत

यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की यूक्रेन के राष्ट्रपति से यह पहली बातचीत है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले तीन दिनों में दो बार बात हुई है, जिसमें भारत ने मुख्य तौर पर अपने नागरिकों व छात्रों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा उठाया है। पीएम मोदी (PM Modi) की राष्ट्रपति पुतिन से भी गुरुवार को देर रात बात हुई थी और इसमें भारतीय छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया था।

भारत का तटस्‍थ रुख

दरअसल भारत ने दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष और रूस के खिलाफ पश्चिमी मुल्‍कों की लामबंदी पर तटस्‍थ रुख अपनाए हुए है। भारत ने रूस के हमले की निंदा करने वाले और यूक्रेन से बिना शर्त रूसी सैनिकों को वापस बुलाने की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान से बायकाट किया। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र विकल्‍प है। चिंता यह है कि मौजूदा गतिरोध को हल करने के लिए कूटनीति का रास्ता नहीं अपनाया जा रहा है।

घटनाक्रम पर भारत चिंतित

बता दें कि शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में उक्‍त प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत पड़े। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने मतदान से दूर बनाए रखी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने मतदान पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत मौजूदा घटनाक्रम पर बेहद चिंतित है। हमारी अपील है कि हिंसा और शत्रुता को रोकने की दिशा में तुरंत प्रयास किए जाने चाहिए। हालांकि रूस के वीटो के चलते यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका।

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