दिल्ली की 14 विधानसभा सीटों पर वोटर घट गए हैं. वह भी एक या दो हजार नहीं, हजारों की संख्या में वोटर्स कम हो गए हैं. हालांकि, कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां वोटर्स बढ़ गए हैं.
दिल्ली में वोटिंग की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, नई-नई कहानी सामने आ रही है. आम आदमी पार्टी दावा करती रही है कि बीजेपी कई इलाकों में हजारों वोट कटवा रही है. जबकि बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी फर्जी वोटर बनवाने की कोशिश कर रही है. चुनाव आयोग ने दोनों के आरोपों को खारिज कर दिया है. लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम से कम 14 विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या कम हो गई है. हालांकि, कई सीटें ऐसी भी जहां, वोटर अचानक बढ़ गए हैं. इसका फायदा और घाटा किसे होगा, यह नतीजों के बाद साफ होगा.
राजधानी में वोटरों की संख्या में अचानक बड़ा बदलाव आया है. 2020 विधानसभा चुनाव में जितने वोटर थे, अब वे नहीं होंगे. कई क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में तेज गिरावट आई है तो कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां वोटरों की संख्या बढ़ गई है. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव की तुलना में इस साल 15,213 कम वोटर रजिस्टर हुए हैं. पांच साल पहले लक्ष्मी नगर में 2,21,651 वोटर थे, जबकि इस साल केवल 2,06,438 दिल्लीवासियों ने ही वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. ठीक इसी तरह रोहिणी विधानसभा क्षेत्र में 2020 की तुलना में इस साल 10,437 मतदाता कम होंगे. इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,82,979 से घटकर 1,72,542 हो गई है. कुछ यही हाल बाबरपुर विधानसभा सीट का भी है. यहां पांच साल पहले की तुलना में इस वर्ष 699 वोटर कम दर्ज किए गए हैं. यह 14 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे कम है.
कहां सबसे ज्यादा गिरावट
सबसे बड़ी गिरावट दिल्ली कैंट में है. यहां 2020 विधानसभा चुनाव में 1,29,338 वोटर थे, लेकिन 2025 विधानसभा चुनाव में यहां सिर्फ 78,893 वोटर रह गए हैं. इसका सीधा मतलब है कि यहां 2020 की तुलना में 50,445 वोटर कम होंगे जो प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे. इसके बाद नंबर आता है दिल्ली विधानसभा सीट का, जहां से अरविंद केजरीवाल और परवेश वर्मा प्रत्याशी हैं. यहां 2020 विधानसभा चुनाव में 1,45,901 वोटर थे, लेकिन इस साल सिर्फ 1,09,022 मतदाता वोट कर पाएंगे.
यहां बढ़ गए वोटर
70 विधानसभा क्षेत्रों में 14 में वोटर कम होना चौंकाता जरूर है. लेकिन बात इतनी ही नहीं है. कई विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं, जहां 2020 की तुलना में इस बार ज्यादा वोटर होंगे. जैसे, ओखला विधानसभा सीट पर इस बार 44,432 वोटर ज्यादा होंगे. वहीं बदरपुर सीट पर 41,229 नए वोटर दर्ज किए गए हैं. वोटर कम होने या ज्यादा होने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं बताया जा सकता. लेकिन लोकसभा चुनाव के रुझान बताते हैं कि शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं में वोटिंग के प्रति उदासीनता नजर आती है.

