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इस मुस्लिम देश ने टैटू और हेयर कंटिग पर लगाई रोक, यहां जानिए क्यों लिया चौंकाने वाला फैसला

Kuwait Government: कुवैत सरकार ने बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया है, जिसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों के टैटू बनवाने पर रोक लगा दी गई है. सरकार ने ये फैसला हेल्थ को लेकर लिया है. मामले से जुड़े अधिकारियों ने हेल्थ एक्सपर्ट के कहे अनुसार कड़े नियम लागू करने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि टैटू बनवाने के प्रोसेस में सुइयों और शार्प टूल्स का इस्तेमाल होता है, जिन्हें अगर बार-बार अलग-अलग ग्राहकों पर इस्तेमाल किया जाए तो HIV, हेपेटाइटिस-B, हेपेटाइटिस-C और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

संक्रमण का यह खतरा केवल टैटू तक सीमित नहीं है. अगर मशीन पूरी तरह स्टरलाइज न हों तो सामान्य कट या स्किन पियर्सिंग से भी गंभीर इंफेक्शन हो सकता है. इसलिए सरकार ने आदेश दिया है कि सभी सैलून स्थायी टैटू डिवाइस हटाएं और केवल सुरक्षित व सही टूल्स का इस्तेमाल करें.

बच्चों और युवाओं की सुरक्षा नए नियमों का सबसे अहम पहलू
कुवैत ने नई हेल्थ गाइडलाइन्स में बच्चों और युवाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए न केवल टैटू पर रोक होगी, बल्कि हेयर डाई, टैनिंग और किसी भी तरह का कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट भी बैन रहेगा. सरकार का मानना है कि कम उम्र में रसायनों और इंक से जुड़े प्रयोग बच्चों की सॉफ्ट स्कीन और हेल्थ को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. उदाहरण के तौर पर हेयर डाई में मौजूद केमिकल्स एलर्जी और स्कैल्प इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं, जबकि टैनिंग बच्चों की स्कीन कैंसर की संभावना बढ़ा सकती है.

शार्प टूल्स और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स पर नई शर्तें
नए नियमों के तहत अब सैलून और ब्यूटी पार्लर में किसी भी शार्प टूल का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. हर ग्राहक के लिए नई या पूरी तरह स्टरलाइज्ड किट अनिवार्य होगी. साथ ही केवल वही कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए जाएंगे, जो कुवैत के स्वास्थ्य मंत्रालय से लाइसेंस प्राप्त और अप्रूव हों. यह कदम नकली और हानिकारक उत्पादों को बाजार से हटाने में मदद करेगा. इससे ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ेगा और सेवा प्रदाताओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने का अवसर मिलेगा.

कुवैत सरकार का यह कदम केवल टैटू या सैलून तक सीमित नहीं है. नए निर्देशों में 130 से ज्यादा नियम शामिल हैं. इनमें से कुछ प्रमुख हैं:

सैलून कर्मचारियों के लिए अनिवार्य हेल्थ सर्टिफिकेट.
सभी वर्कर्स का नियमित मेडिकल चेकअप.
जिम और स्विमिंग पूल में लाइफगार्ड की मौजूदगी.
CPR और फर्स्ट एड ट्रेनिंग अनिवार्य.
संस्थानों में हाइजीन और सैनिटेशन की नियमित जांच.
इन उपायों से कुवैत का लक्ष्य है कि उसका स्वास्थ्य मानक अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क तक पहुंचे और उपभोक्ताओं को सुरक्षित सेवाएं मिलें.

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