राजद नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि 2005 से पहले बिहार की बेटियां कपड़े ही नहीं, स्वाभिमान, स्वावलंबन और सम्मान भी पहनती थीं. उन्होंने कहा कि स्त्री परिधान वैज्ञानिक मत बनिए. आप सीएम हैं Women Fashion Designer नहीं. स्त्री परिधान विशेषज्ञ बनकर अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन बंद कीजिए. ये बयान नहीं, बिहार की आधी आबादी का सीधा अपमान है.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की, जिन्होंने दावा किया था कि दो दशक पहले सत्ता संभालने के बाद राज्य में महिलाओं की पहनावे की पसंद में सुधार हुआ है. मुख्यमंत्री ने इस आशय की टिप्पणी उस समय की, जब वह राज्यव्यापी “प्रगति यात्रा” के तहत बेगूसराय जिले में थे. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं. कोई महिला फैशन डिजाइनर नहीं. महिलाओं को लेकर इस तरह की टिप्पणी करना बंद करें.
पूर्व उप मुख्यमंत्री यादव ने फेसबुक पर एक वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें जदयू सुप्रीमो की ओर से लड़कियों के कपड़े पहनने को लेकर टिप्पणी की जा रही है.
बिहार की आधी आबादी का अपमानः तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट पर शेमऑननीतीश का हैशटैग करते हुए नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि साल 2005 से पहले भी बिहार की बेटियां कपड़ों के साथ-साथ स्वावलंबन, स्वाभिमान और सम्मान भी पहनती थीं.
उन्होंने सीएम से सचेत करते हुए कहा कि वह खुद स्त्री परिधान वैज्ञानिक नहीं बनें और वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं, कोई महिला फैशन डिजाइनर नहीं. उन्होंने कहा कि स्त्री परिधान एक्सपर्ट बनकर वह अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन करना बंद कर दें. उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार की आधी आबादी की अपमान है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो उन्हें मासिक भत्ता दिया जाएगा.
महिलाओं पर लालू की टिप्पणी से मचा था विवाद
बता दें कि नीतीश कुमार का बयान उस समय आया है, जब नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा शुरू करने का ऐलान किया था और तेजस्वी के पिता और राजद के संरक्षक लालू प्रसाद यादव ने नीतीश पर एक भद्दी टिप्पणी थी थी. उन्होंने कथित रूप से कहा था कि वह नयन सेंकने जा रहे हैं.
नीतीश की ‘महिला संवाद यात्रा’ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, “नयन सेंकने जा रहे हैं.” इस टिप्पणी की एनडीए नेताओं ने व्यापक आलोचना की थी, जिन्होंने इसे महिलाओं पर अपमानजनक हमला माना और लालू यादव से माफी की मांग की.