और ज्यादा खतरनाक हुआ चक्रवात टाउते, मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक बंद

भारत अपने पश्चिमी तट के निचले इलाकों से हजारों लोगों को निकाल रहा है, क्योंकि एक शक्तिशाली चक्रवात ‘तौकते’ (Cyclone Tauktae) ने मंगलवार की सुबह गुजरात राज्य में कम से कम छह लोगों की जान ले ली है। अरब सागर में बना यह चक्रवात अपने साथ भारी बारिश और हवाओं को साथ लेकर आया है, जिससे पश्चिमी और दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में घरों को नुकसान पहुंचा और कई पेड़ उखड़ गए।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बयान में कहा, “24 घंटों के दौरान इसके और तेज होने और उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है। 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने की संभावना है।” चक्रवात के 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ गुजरात को पार करने की उम्मीद है।

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की ओर से सोमवार को बताया गया कि चक्रवात तौकते के कारण कोच्चि तट से कुछ दूरी पर उफनते सागर के बीच फंसे 12 मछुआरों को 16 मई को बचा लिया गया है। बल की ओर से ट्विटर पर बताया गया, ”भारतीय मछुआरों की जीसस नाम की नाव कोच्चि से 35 समुद्री मील की दूरी पर फंसी हुई थी। आईसीजी के पोत आर्यमान ने उस नौका तथा उस पर फंसे 12 लोगों को बचाया। उफनते समुद्र के बीच से इन्हें 16 मई की रात को कोच्चि लाया गया। नौका सवार सभी लोग सुरक्षित और स्वस्थ हैं।

तौकते चक्रवात के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और आज शाम गुजरात तट पर पहुंचने की संभावना है। रात आठ बजे से लेकर 11 बजे के दौरान पोरबंदर और महुवा (भावनगर जिला) के बीच एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पार कर सकता है, जिसकी अधिकतम निरंतर हवा की गति 155-165 किमी प्रति घंटे से 185 किमी प्रति घंटा है: आईएमडी

चक्रवात के मद्देनजर नवसारी में मछली पकड़ने वाली नौकाएं समुद्र के किनारे ही खड़ी दिख रही हैं। ओजल मच्छीवाड़ गांव का दृश्य।

चक्रवात की वजह से महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के कुछ इलाकों में बारिश शुरू हो चुकी है।

गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा कि तट के पास के गांवों और निचले इलाकों से करीब डेढ़ लाख लोगों को निकाला जाएगा। अधिकारियों के बयानों के अनुसार, चक्रवात के उत्तर की ओर बढ़ने के कारण पश्चिमी राज्यों गोवा और कर्नाटक में कम से कम छह लोग मारे गए हैं। आगे दक्षिण में, तमिलनाडु में पंजीकृत 31 नावें गायब थीं। एक तटरक्षक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।

मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि चक्रवात के कारम कुछ रास्तों में बाढ़ आ सकती है। रेलवे सेवाएं भी 21 मई तक बाधित रहने की आशंका जताई गई थी।राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने भी रविवार को विभिन्न राज्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि विभिन्न राज्यों में लगभग 80 आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है।

जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के बचाव और राहत दलों को भी तैनात किया गया है। सरकार ने एक बयान में कहा, “चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं ताकि किसी की जान न जाए।”

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