नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर हो रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिकाओं के खिलाफ 18 दिसम्बर से सुनवाई करने को तैयार है। जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। जयसिंह ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे के सामने दलील रखी कि पूरे देश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं और अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
जामिया मिलिया और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हिंसा का मामला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आज कोर्ट में वकीलों ने चीफ़ जस्टिस कोर्ट में इसे मेंशन किया। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे कि कौन निर्दोष है और कौन गलत? हम केवल ये चाहते हैं कि जो दंगा हो रहा है वो शांत होना चाहिए। इस मसले पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आज CJI ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हिंसा हो रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कल सुनवाई करेंगे पर पहले हिंसा रुकनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह बुधवार (18 दिसंबर) को मामलों की सुनवाई करेंगे। इस कानून के खिलाफ शीर्ष अदालत में कुल 13 याचिकाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा शामिल हैं।